साल 1947 में जब भारत से पाकिस्तान अलग हुआ तो बंटवारे में वह अपने साथ सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं ले गया. बल्कि, कई ऐसी चीज ले गया जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते. यहां तक कि जो चीज सिर्फ एक पीस में थी, उसे आधा कर के अपने साथ ले गया. इसी तरह एक किताब को बांटा गया. आज इस किताब का एक हिस्सा पाकिस्तान में है तो दूसरा हिस्सा भारत के पास है. चलिए आपको इस किताब की पूरी कहानी बताते हैं.


कौन सी थी वो किताब


हम जिस किताब की बात कर रहे हैं, उसका नाम एनसायक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटेनिका थी. जब देश में मौजूद सामान के बंटवारे हो रहे थे, तब बात एनसायक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटेनिका पर आ कर अटक गई. दरअसल, इस किताब कि सिर्फ एक प्रति थी और दोनों ही देश इसे छोड़ना नहीं चाह रहे थे. अंत में जब बात नहीं बनी तो इसके दो हिस्से किए गए और एक हिस्सा आज पाकिस्तान में है और दूसरा हिस्सा भारत में.


इस किताब को लेकर विजयलक्ष्मी बालाकृष्णनन अपनी बुक 'Growing Up and Away: Narratives of Indian Childhoods: Memory, History, Identity' में लिखती हैं कि एनसायक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटेनिका के अलावा लाइब्रेरी में मौजूद डिक्शनरी के भी दो हिस्से किए गए और उन्हें दोनों देशों के बीच बांट दिया गया. आज A से K तक की डिक्शनरी भारत के पास है और बाकी का हिस्सा पाकिस्तान के पास है.


पाकिस्तान ने ये चीज नहीं बांटी


बंटवारे के वक्त पाकिस्तान ने हर चीज में हिस्सा लिया. सबकुछ बांट दिया. लेकिन एक ऐसी चीज थी, जिसे पाकिस्तान बांट नहीं सका और उसे वह अपने साथ ले भी नहीं गया. वो चीज थी ढेर सारे शराब के बैरल्स. दरअसल, पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है ऐसे में वहां शराब पीना हराम माना जाता है, इसलिए बंटवारे के वक्त पाकिस्तान ने शराब के बैरल्स में आधा हिस्सा नहीं मांगा.


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