वर्ल्ड का वो देश जहां 13 महीनों का होता है 1 साल... दुनिया से इतने साल चल रहा पीछे
इथियोपिया ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कई संस्कृतियां हैं, जिनके अपने कैलेंडर हैं और वे लोग उनको फॉलो करते हैं. यह बिल्कुल पश्चिमी ग्रेगोरियन कैलेंडर के समान नहीं है.
General Knowledge: क्या आप जानते हैं दुनिया का एक देश ऐसा है जहां 12 नहीं बल्कि 13 महीनों का साल होता है? यह देश बाकी दुनिया से 7 साल पीछे चल रहा है. जी हां.. आपने बिल्कुल सही पढ़ा. इथियोपिया दुनिया का ऐसा देश है जहां 12 नहीं बल्कि 13 महीनों का साल होता है. साथ ही यहां साल 2024 नहीं बल्कि 2017 चल रहा है. इथियोपिया को अफ्रीका के सबसे सुंदर और उपजाऊ देशों में गिना जाता है. यह देश अकाल और सूखे से ग्रस्त होने की अनुमानित धारणा के बिल्कुल विपरीत है. इसका परिदृश्य महलों, रेगिस्तानों, दुर्लभ वन्य जीवन और बहुत सी विविध चीजों से सुशोभित है.
इथियोपियाई वर्ष 13 महीनों का होता है...
दरअसल इथियोपिया ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कई संस्कृतियां हैं, जिनके अपने कैलेंडर हैं और वे लोग उनको फॉलो करते हैं. यह बिल्कुल पश्चिमी ग्रेगोरियन कैलेंडर के समान नहीं है. हालांकि, इसके बावजूद, वे साल के 12 महीने के नियम का पालन जरूर करते हैं. लेकिन, इथियोपियाई वर्ष 13 महीनों का होता है, और यह ग्रेगोरियन कैलेंडर से सात वर्ष पीछे है. बताते चलें कि इथियोपियाई लोगों ने 11 सितंबर, 2007 को नई सहस्राब्दी मनाई और ऐसा इसलिए है क्योंकि इथियोपियाई लोगों ने उसी कैलेंडर को जारी रखा, जिसे रोमन चर्च ने 525 ईस्वी में संशोधित किया था.
ये भी पढ़ें-
प्रधानमंत्री से लेकर स्पीकर तक, जानें कब और किसके खिलाफ लाया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव
अब ग्रेगोरियन कैलेंडर से अवगत हैं, और कुछ तो...
यहां पहले 12 महीनों में 30 दिन होते हैं, वहीं आखिरी महीने, जिसे पगुमे कहा जाता है, उसमें पांच दिन और लीप ईयर में छह दिन होते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि आज तक इथियोपिया अपने प्राचीन कैलेंडर का उपयोग करता आ रहा है, जिससे कैलेंडर अंतर के कारण यात्रियों को शायद ही कोई असुविधा होती है.
ये भी पढ़ें-
अफगानिस्तान में महिलाओं से अब तक क्या-क्या अधिकार छीन चुका है तालिबान? ये रही पूरी लिस्ट
लेकिन इन दिनों अधिकांश इथियोपियाई अब ग्रेगोरियन कैलेंडर से अवगत हैं, और कुछ तो दोनों कैलेंडरों का परस्पर उपयोग भी करते हैं.
ये भी पढ़ें-
पाकिस्तान से अलग होने से पहले बांग्लादेश में इतनी थी हिंदुओं की संख्या, हैरान करने वाला है आंकड़ा