दुनियाभर में बहुत लोगों को घड़ी पहनने का शौक होता है. इतना ही नहीं दुनिया में करोड़ों रुपये तक की घड़ियां मौजूद हैं और लोग इसे पहनते हैं. लेकिन सवाल ये है कि 100 रुपये वाली घड़ी भी समय बताती है और करोड़ों वाली घड़ी भी समय बताती है. तो फिर बाकी सभी घड़ियां इतनी महंगी क्यों होती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि घड़ियों में दाम का इतना बड़ा अंतर क्यों होता है.


महंगी घड़ी


सवाल ये है कि जब सभी घड़ियां समय बताती हैं, तो कुछ कंपनियां करोड़ों रुपये की इतनी महंगी घड़ी क्यों बनाती है. आपने अक्सर सेलेब्रिटी, नेता, बिजनसमेन को महंगी घड़ियां पहनते हुए देखा होगा. असल में ये घड़ियां इतनी लग्जरी डिजाइन होती है, जिसके कारण इनका दाम लाखों और करोड़ों में होता है. लेकिन इन घड़ियों को पहनने वालों की कमी भी नहीं है. 


लग्जरी घड़ियां


घड़ी का काम समय बताना होता है. अक्सर लोग ये बात कहते भी हैं कि सस्ती और ज्यादा महंगी दोनों घड़ियों में भी तो समय एक ही बताएगा. लेकिन घड़ी के शौकीन इस पर लाखों और करोड़ों खर्च करते हैं. कुछ लोग तो अपनी घड़ियों में सोना यानी गोल्ड भी लगवाते हैं, जिससे घड़ी की कीमत बहुत बढ़ जाती है. इसके अलावा कुछ लोगों ने घड़ियों में हीरा भी लगवाया हुआ है, जिससे इनकी कीमत करोड़ों में पहुंच जाती है. हालांकि इनकी मशीनरी में ज्यादा पैसा खर्च नहीं होता है.


इसके अलावा इन महंगी घड़ियों में घड़ी के बाहर के मैटेरियल के साथ ही मशीन के मैटेरियल पर भी खास ध्यान दिया जाता है. इससे बेहतर क्वालिटी की मैटेरियल का मशीनरी के साथ बेसिक ढांचा बनाने में इस्तेमाल होता है. एक घड़ी को बनाने के लिए खास इंजीनियर्स काम करते हैं और काफी ज्यादा वक्त लगकर एक घड़ी तैयार होती है, इसलिए बाजार में इनके भाव काफी ज्यादा होते हैं.


घड़ी का डिजाइन 


बता दें कि जब भी आप सस्ती घड़ी खरीदते हैं तो आपको उस डिजाइन की कई घड़ियां मिल जाती है, लेकिन महंगी घड़ियों में ऐसा नहीं होता है. दरअसल एक डिजाइन का लिमिटेड एडिशन ही तैयार किया जाता है. यानी एक घड़ी कॉमन नहीं हो सकती है और कुछ हाथों में ही एक जैसी घड़ी देखने को मिलती है. इसलिए कुछ खास घड़ी को खास लोगों तक सीमित रखा जाता है और कुछ ही पीस इसके तैयार किए जाते हैं. इसके अलावा ब्रांड के नाम पर भी रेट काफी ज्यादा हो जाता है. 


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