इतिहास में कई वीर राजा हुए, जिन्होंने अपनी वीरता से खुद इतिहास बनाया है. ऐसे में कुछ राजा तो बहुत रंगमिजाज थे, वहीं कुछ ऐसे भी राजा थे जिन्हें मजबूरी में या किसी संधि के चलते शादी की थी. उन्हींं में से एक राजा थे चंद्रगुप्त मौर्य. चंद्रगुप्त मौर्य को मौर्य वंश का संस्थापक कहा जाता है. जिन्होंने राजा धनाानंद को मारकर नंद वंश का अंत किया था. वहींं चंद्रगुप्त मौर्य एक ऐसे राजा थे जिन्होंने शादीशुदा होेने के बाद भी एक संधि के लिए विदेशी महिला से शादी की थी.


क्यों करनी पड़ी थी चंद्रगुप्त मौर्य को विदेशी महिला से शादी
चंद्रगुप्त मौर्य की पहली पत्नी का नाम दुर्धरा था. जिनसे उन्हें पुत्र के रूप में बिंदुसार मिला था. वहींं चंद्रगुप्त मौर्य को दूसरी शादी एक संधि के लिए करनी पड़ी थी. दरअसल चंद्रगुप्त मौर्य ने सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस निकेटर से युद्ध किया था. बता दें सेक्यूकस सिंकदर के सबसे करीबी लोगों में से एक था. इस युद्ध में सेल्यूकस निकेटर पराजित हुआ. 


इसके बाद सेक्युलस और चंद्रगुप्त मौर्य के बीच संधि हुई. इस संधि की एक शर्त ये भी थी कि चंद्रगुप्त मौर्य का विवाह हेलिना के साथ होगा. यही वजह थी कि चंद्रगुप्त मौर्य को शादीशुदा होने के बाद भी हेलेना से शादी करनी पड़ी थी. हेलेना यूनानी थीं. जिनसे सिकंदर को दूसरा पुत्र जस्टिन मिला था.


चंद्रगुप्त मौर्य का अंत कैसे हुआ
चंद्रगुप्त मौर्य का आखिरी समय में जैन धर्म की ओर झुकाव हो गया था. उन्होंने अपने आखिरी समय में बिंदुसार को राजपाट सौंप दिया था. जिसके बाद उन्होंने जैनाचार्य भद्रबाहू से दीक्षा लेकर उनके साथ श्रवणबेललागोला चले गए थे. जिसके बाद उन्होंने चंद्रगिरी पहाड़ी पर लगभग 300 ईसा पूर्व अपने प्राण त्याग दिए थे. उन्होंने अपने जीवन में जो कार्य किए थे उनके लिए आज भी महान राजाओं में उनका नाम लिया जाता है.                       


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