स्वीमिंग से पहले क्लीन शेव करना आम बात है. तैराकी की दुनिया में शेविंग करना बेेहद जरूरी भी है, खासकर किसी प्रतियोगिता से पहले, लेकिन बहुत कम लोग इसके पीछे की वजह जानते हैं. यदि आपको भी इसके पीछे की असल वजह नहीं पता है तो चलिए आज इसके पीछे का कारण जान लेते हैं.


क्यों स्वीमर्स रखने हैं क्लीन शेव
तैराकों के लिए शेविंग उनकी दिनचर्या का एक हिस्सा होती है. चिकनी और बाल रहित त्वचा तैराकों के लिए उनके काम को भी आसान बना देती है. तैराक अपनेे शरीर पर चाहे वो पैर हों, छाती हो या सिर को छोड़कर शरीर का कोई भी हिस्सा, वहां बाल नहीं रखते. वहीं तैराकी करते समय सिर पर वो अक्सर कैप पहनते हैं.


दरअसल इसकी वजह पानी और त्वचा की संवेदनशीलता है. यदि बिना शेव किए पानी में जाते हैं तो पानी उन्हें अच्छी तरह से महसूस नहीं होता. वहीं यदि वो शेव करके जाते हैं तो उन्हें पानी पूरे शरीर में महसूस होता है. कई तैराकों के लिए ये एक ऐसी अनुभूति होती है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता. पानी त्वचा को सहलाता है, जिससे आपको वास्तव में ऐसा महसूस होता है जैसे आप बहुत अधिक आसानी से ग्लाइडिंग कर रहे हैं.


क्या है वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक कारणों पर गौर करें तो वो कहतेे हैं कि जब पेशेवर तैराक शेव किया होता है तो वो 2% तक अधिक वायुगतिकीय बन सकते हैं. जब किसी प्रतियोगिता में समय बचाने की बात आती है तो यह एक बड़ा प्रतिशत है जो बहुत मायने रखता. यानी शेविंग से पेशेवर तैराक की स्पीड बढ़ जाती है. 


अपने शरीर के बालों को शेव करने से एक तैराक को चिकनी त्वचा मिलेगी, जो उन्हें पानी में अधिक आसानी से सरकने की अनुमति देगी. गति में परिणामी लाभ को हाइड्रोडायनामिक्स कहा जाता है. हाइड्रोडायनामिक्स द्रव यांत्रिकी का एक हिस्सा है जो पानी में निकायों की गतिविधियों और प्रतिरोधों को प्रभावित करता है. आसान भाषा में समझें तो तैराक को शेविंग करने के बाद तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलती है. वहीं मानसिक तौर पर भी शेविंग असर डालती है और ये व्यक्ति को और सकारात्मक बनाने में मदद करती है.


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