Road Accidents: सरकार द्वारा मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,68,491 लोगों की जान गई, जबकि 4,43,366 लोग घायल हुए. साल-दर-साल दुर्घटनाओं में 11.9% की चिंताजनक वृद्धि और मृत्यु दर में 9.4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले वर्ष की तुलना में 2022 में घायल होने वाले लोगों की संख्या में 15.3% की वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 11.9 प्रतिशत, मृत्यु में 9.4 प्रतिशत और चोटों में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के दौरान देश में कुल 4,61,312 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं हैं, जिनमें से 1,51,997 (32.9%) एक्सप्रेसवे सहित नेशनल हाइवे पर हुई हैं. 1,06,682 (23.1%) राज्य राजमार्गों पर और शेष 2,02,633 (43.9%) अन्य सड़कों पर दर्ज की गई हैं.
सबसे अधिक शिकार हुए युवा
2022 में रिपोर्ट की गई कुल 1,68,491 मौतों में से 61,038 (36.2%) नेशनल हाइवे पर 41,012 (24.3%) राज्य राजमार्गों पर और 66,441 (39.4%) अन्य सड़कों पर थीं. इसमें बड़ी संख्या में युवा घायल हुए हैं. MoRTH ने कहा कि 2022 के दौरान 66.5 प्रतिशत पीड़ित 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के युवा थे. 18 से 60 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग के लोग कुल सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों का 83.4% हिस्सा हैं. सिर्फ बाइक से हुए एक्सीडेंट की बात करें तो इसका आंकड़ा 72,000 के करीब है, जो प्रतिदिन के हिसाब से 200 से अधिक होते हैं.
इस राज्य में हुआ सबसे अधिक एक्सीडेंट
यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि सड़क दुर्घटना में लगभग 68% मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में देश में कुल दुर्घटना मौतों में से 32% मौतें रिपोर्ट की गई है. MoRTH रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "सड़क दुर्घटनाओं में शामिल वाहन कैटेगरी में लगातार दूसरे वर्ष दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 2022 के दौरान कुल दुर्घटनाओं और मौतों में सबसे अधिक रही. कार, जीप और टैक्सियों सहित हल्के वाहन दूसरे स्थान पर हैं." उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या (22,595 यानी 13.4%) के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है, इसके बाद तमिलनाडु (17,884 यानी 10.6%) का स्थान है.
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