आज के वक्त शायद ही कोई ऐसा होगा, जो मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता है. मोबाइल फोन और इंटरनेट इंसानों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले चीजों में एक है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अत्यधिक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से आप एक गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. जी हां, ज्यादा मोबाइल फोन चलाना भी एक बीमारी है. आज हम आपको नोबोफोबिया के बारे में बताएंगे, जो ज्यादा मोबाइल फोन चलाने के कारण होता है.


नोबोफोबिया


मोबाइल फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल आज के वक्त हर कोई करता है. लेकिन आपने देखा होगा कि कुछ लोग हर वक्त मोबाइल फोन में लगे रहते हैं. इतना ही नहीं नेटवर्क और इंटरनेट नहीं मिलने के कारण कई बार कुछ लोगों को बेचैनी होने लगती है. बता दें कि इस बेचैनी और तनाव को ही नोमोफोबिया कहा जाता है. आसान भाषा में ये नो-मोबाइल-फोबिया, मोबाइल ना होने का डर है. एक्सपर्ट के मुताबिक यह एक साइकोलॉजिकल कंडीशन है. इस फोबिया के शिकार लोग जब अपने स्मार्टफोन या डिजिटल डिवाइस से दूर होते हैं, या कम बैटरी या इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी होती है, तो उन्हें घबराहट, चिंता और भय होने लगता है. आज हम आपको बताएंगे कि इसके लक्षण और कारण क्या है और आप खुद को और घर के अन्य बच्चों, सदस्यों को इससे कैसे बचा सकते हैं. 


नोबोफोबिया का सबसे बड़ा लक्षण बिना नेटवर्क एरिया में जाने से डरना है. जो लोग नोबोफोबिया से ग्रसित होते हैं, वो बिना नेटवर्क एरिया में जाने से डरते हैं. इसके अलावा फोन पास में होने पर बैटरी का खत्म होना, नेटवर्क नहीं आना, फोन बार-बार चेक करना, फोन खुद से दूर रखने पर दिक्कत होना और इंटरनेट कनेक्शन नहीं मिलने पर घबराहट होना और तनाव होना भी नोबोफोबिया के लक्षण हैं. 


नोबोफोबिया से कैसे बचे?


नोबोफोबिया से खुद को बचाने के लिए अनुशासित होना सबसे ज्यादा जरूरी है. इसके लिए आपको मोबाइल फोन का लिमिटेड इस्तेमाल करना होगा. इसके अलावा मोबाइल फोन को खुद से दूर रखकर दूसरे काम में खुद को व्यस्त रखना चाहिए. फोन में सबसे जरूरी चीजों के ही नोटिफेकेशन ऑन रखना, बाकी नोटिफिकेशन को म्‍यूट कर देना चाहिए. ऐसा करने से आप मोबाइल को बार-बार चेक करने की आदत को नियंत्रित कर पाएंगे. मोबाइल चलाने के अलावा कुछ प्रोडक्टिव काम करने की भी कोशिश करना चाहिए. जैसे वॉक पर जाना चाहिए, आउटडोर गेम खेलना चाहिए और किताबें पढ़ना चाहिए. 


मोबाइल फोन के अलावा घर के लोगों और दोस्तों से फिजिकल बातचीत भी करना चाहिए. इससे मोबाइल फोन का लगातार इस्तेमाल करने से बचा जा सकता है. घर के बाहर भी मोबाइल फोन का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए. सबसे जरूरी सोशल मीडिया पर कम समय देना चाहिए और  बेवजह घटों स्क्रॉल करने से बचना चाहिए. किताब पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना चाहिए. 


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