Sunflower Fact: सूरजमुखी के फूल का नाम तो सभी ने सुना है साथ इसके बारे में कही जाने वाली बातें भी शायद सभी ने सुनी होंगी, जैसे कि ठंड की अपेक्षा यह गर्मी के मौसम में ज्यादा एक्टिव रहता है. दिनभर इस फूल की दिशा भी बदलती रहती है. यह उन इलाकों में अच्छी तरह फलता-फूलता है जहां 6 घंटे से ज्यादा देर तक धूप रहती है. ऐसा कहा जाता है कि भयंकर सूखा भी आ जाए, तब भी सूरजमुखी पर कोई फर्क नहीं पड़ता. अंत में सबसे अहम बात जो इसके बारे में कही जाती है वो है कि सूरजमुखी के फूल की दिशा उधर होती है जिधर सूरज होता है. असल में ये बातें व्यर्थ नहीं हैं, बल्कि इन सभी बातों का वैज्ञानिक आधार भी है.


फूल की गतिविधि को समझें
सूरजमुखी की गतिविधि को जानने के लिए आपको इस फूल पर गौर करना होगा. सबसे पहले आप उसे सूर्योदय से पहले देखें. आप पाएंगे कि सभी फूल पूरब दिशा की तरफ को हैं. अभी ये पूरी तरह से खिले नहीं हैं, बल्कि खिलने की तैयारी में हैं. जब सूर्योदय हो जाए तो आप पाएंगे कि नए और ताजे फूलों का झुंड सूरज की दिशा में है और बड़े आराम से सूर्य की किरणों का आनंद ले रहा है.


फूलों की दिशा बदलना
इसी झुंड में कुछ पुराने फूल भी होते हैं. नए फूल आपको पूरब की ओर खिले दिखेंगे तो कुछ पुराने फूल पश्चिम की तरफ लगभग मुरझाए से दिखेंगे. इन फूलों का पूरब की तरफ खिलना या सूरज की गति को फॉलो करना एक खास वैज्ञानिक विधि है जिसे विज्ञान में हेलियोट्रॉपिजम (heliotropism) कहते हैं. सूरजमुखी का फूल सूरज की दिशा के हिसाब से चलता है. लेकिन, रात में ये अपनी दिशा पूरब की तरफ बदल लेते हैं और सर्योदय होने का इंतजार करते हैं.


क्या है हेलियोट्रॉपिजम?
साल 2016 में हेलियोट्रॉपिजम पर हुई एक स्टडी में कहा गया कि जिस तरह इंसानों में ‘बायोलॉजिकल क्लॉक’ या जैविक घड़ी होती है, उसी प्रकार सूरजमुखी के फूलों में भी इस तरह की एक घड़ी होती है जो सूरज की रोशनी को डिटेक्ट करती है और इन फूलों को उस तरफ मुड़ने के लिए प्रेरित करती है. इन फूलों के जीन पर यह जैविक घड़ी असर डालती है. रिसर्च में 24 घंटे के ‘सरकेडियन रिदम’ के बारे में बताया गया है. सूरजमुखी के फूल भी इंसानों की तरह ही रात में आराम करते हैं और दिन में सक्रिय रहते हैं. किरणों के बढ़ने के साथ ही फूलों की सक्रियता भी बढ़ती है.


ये है असली वजह 
सूरजमुखी के नए पौधों के तने रात में ज्यादा बढ़ते हैं. खास बात यह है कि तने में यह विकास सिर्फ पश्चिम दिशा की तरफ ही होता है. इसीलिए ये अपने आप पूरब की तरफ झुक जाते हैं. जैसे-जैसे दिन बढ़ता है तने के विकास की दिशा भी बदलती जाती है. तना पूरब की तरफ बढ़ता है और उस पर लगे फूल पश्चिम की तरफ झुकने लगते हैं. यह चक्र इसी प्रकार अनवरत चलता रहता है.


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