आमरण अनशन से पीछे नहीं हट रहे किसान नेता डल्लेवाल, जानें भूख हड़ताल को लेकर क्या कहता है सिख धर्म
Jagjit Singh Dallewal Protest: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल इससे पहले भी कई बड़े किसान आंदोलनों का हिस्सा रह चुके हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन में भी डल्लेवाल की काफी अहम भूमिका रही.
Jagjit Singh Dallewal Protest: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले करीब 40 दिनों से आमरण अनशन पर हैं. इसके चलते उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है और तमाम किसान उनके लिए अरदास कर रहे हैं. पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी में उनका ये अनशन चल रहा है, जिसमें उनके साथ कई किसान भी बैठे हुए हैं. इस बीच अब एक बार फिर उस नियम की चर्चा हो रही है, जिसमें ये साफ कहा गया है कि सिख धर्म में आमरण अनशन की कोई इजाजत या जगह नहीं होती है. आइए समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है और अनशन को लेकर सिख धर्म क्या कहता है.
डल्लेवाल के चलते किसान हो रहे एकजुट
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल इससे पहले भी कई बड़े किसान आंदोलनों का हिस्सा रह चुके हैं. केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ जो देशव्यापी आंदोलन हुआ था, उसमें भी डल्लेवाल की काफी अहम भूमिका रही. अब एक बार फिर डल्लेवाल चर्चा का केंद्र बन गए हैं और उनके अनशन ने दिल्ली के नजदीक किसानों को फिर से एकजुट करना शुरू कर दिया है. डल्लेवाल का समर्थन करने के लिए किसान ट्रैक्टर लेकर खनौरी बॉर्डर पहुंच रहे हैं.
अनशन को लेकर क्या कहता है सिख धर्म?
अब कुछ लोग सिख धर्म के उस नियम की बात कर रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि आमरण अनशन नहीं किया जा सकता है. इसे लेकर सिख धर्म में कहा गया है कि अनशन और आत्मदाह करना सिख धर्म में स्वीकार्य नहीं है. सिख धर्म गुरु बताते हैं कि सिख धर्म में अनशन का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है. इसीलिए इसकी मनाही होती है. हालांकि जब बात लोगों के हितों की आती है तो इसका विरोध नहीं होता है.
अकाल तख्त से भी आया जवाब
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस मामले को लेकर अपना जवाब दिया है. जिसमें उन्होंने कहा, "सिख धर्म में भूख हड़ताल की कोई अवधारणा नहीं है, लेकिन यह देखकर हैरानी होती है कि जो किसान मानवता को खिलाने के लिए लगातार काम करते हैं, उन्हें अपनी मांगों को मनवाने के लिए भूख हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार के लिए इससे भयावह कुछ नहीं हो सकता है."
कुल मिलाकर अकाल तख्त के जत्थेदार की तरफ से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को गलत नहीं माना गया है. उन्होंने ये साफ कर दिया है कि भले ही सिख धर्म में इसका कोई कॉन्सेप्ट ना हो, लेकिन मजबूरन किसानों के हित में ये सब करना पड़ रहा है.
इससे पहले मशहूर रहे ये आमरण अनशन
पंजाब में सिख धर्म के नेताओं और लोगों के आमरण अनशन का इतिहास काफी पुराना है. 1920 के दौरान किसान नेता सेवा सिंह ठीकरीवाला ने जेल में मरने तक भूख हड़ताल की थी, जिसकी हर तरफ काफी चर्चा हुई. इसके अलावा भगत सिंह का साथ देने वाले जतिन दास ने भी 63 दिन तक भूख हड़ताल की थी, जिसके चलते उनकी जेल में ही मौत हो गई.
इन सबके अलावा सिख नेता दर्शन सिंह फेरुमान, मास्टर तारा सिंह, संत फतेह सिंह और सूरत सिंह खालसा जैसे सिख नेताओं को भी अपने कई दिनों के आमरण अनशन के लिए याद किया जाता है. पंजाब के इतिहास में इन लोगों के नाम सुनहरे अक्षरों में आज भी दर्ज हैं.
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