बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म पठान इन दिनों थियेटर्स में धूम मचा रही है. बताया जा रहा है कि 25 जनवरी को रिलीज हुई फिल्म पठान का कलेक्शन 600 करोड़ से भी ज्यादा हो गया है. कई लोगों का मानना है कि फिल्म ने कलेक्शन के जरिए 600 करोड़ रुपये कमा लिए हैं, लेकिन कहानी कुछ और है. अगर आपको भी लगता है कि फिल्म का कलेक्शन ही फिल्म की कमाई है तो ऐसा नहीं है. तो आज हम आपको बताते हैं कि फिल्म कलेक्शन में कमाई का कितना हिस्सा होता है और फिल्म कलेक्शन से कमाई कैसे अलग की जा सकती है...
क्या होता है कलेक्शन?
सबसे पहले तो आपको बताते हैं कि फिल्म का कलेक्शन होता क्या है. दरअसल, जब आप थियेटर में टिकट खरीदते हैं और जो पैसा थियेटर के पास जमा होता है, उसे कलेक्शन कहते हैं. जैसे 100 रुपये की 100 टिकट बिकी है तो इसका मतलब है कि फिल्म 10000 रुपये कलेक्शन हुआ है.
कलेक्शन में क्या क्या होता है शामिल?
इस कलेक्शन में काफी कुछ शामिल होता है, इसलिए इसे प्रोड्यूसर की कमाई नहीं का जा सकता है. सबसे पहले इस कलेक्शन में एंटरटेनमेंट टैक्स होता है. वैसे तो यह हर राज्य के हिसाब से अलग अलग होता है, लेकिन यह करीब 30 फीसदी तक होता है. फिल्मों को थियेटर में लगाने का काम डिस्ट्रीब्यूटर का होता है, जो एक डील के जरिए थियटर्स से बात करता है. फिर थियेटर्स जो कलेक्शन होता है, उसमें डील के हिसाब से अपना हिस्सा निकालकर डिस्ट्रीब्यूटर को देते हैं.
जैसे डिस्ट्रीब्यूटर और थियेटर्स के बीच 30-70 पर्सेंट की डील हुई है तो उस हिसाब से थियेटर मालिक डिस्ट्रीब्यूटर को पैसा देगा. इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर और प्रोड्यूसर के बीच हिस्से को लेकर जो डील हुई है, उसके हिसाब से डिस्ट्रीब्यूटर को पैसा मिलेगा. फिर जो बचा हुआ पैसा होगा, वो प्रोड्यूसर के लिए कमाई हो सकती है. यह डील भी अलग अलग आधार पर होती है.
कलेक्शन के अलावा और कैसे कमाती है एक फिल्म?
कई बार प्रोड्यूसर डिस्ट्रीब्यूर प्रोड्यूसर को एक अमाउंट में फिल्म बेच देता है और कलेक्शन से कोई मतलब नहीं रखता. इसके अलावा फिल्म मेकर्स को फिल्में रीमेक और सिंडिकेशन राइट्स से भी अच्छी कमाई होती है. ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो के राइट्स को बेचकर जो कमाई होती है, वो सिंडिकेट राइट्स का हिस्सा होती है. इसके अलावा अलग-अलग कंपनियों से डील हो जाती है, जिसमें विज्ञापन आदि शामिल हैं.
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