पटाखों वाला पॉल्यूशन क्यों है बेहद खतरनाक? सांस लेते ही शरीर में जाते हैं ये केमिकल
Delhi Pollution: दिवाली की रात दिल्ली और एनसीआर में जो आतिशबाजी हुई, उससे हर जगह धुएं की चादर बिछ गई. इसका नतीजा ये रहा कि एक्यूआई 900 के पार पहुंच गया.
Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में बारिश से मिली राहत पटाखों के शोर के साथ धुल गई. दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई और रातभर पटाखे जलते रहे. जिसका नतीजा ये हुआ कि दिल्ली की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई. दिल्ली में फिलहाल एक्यूआई 900 के पार है. दिवाली के अगले दिन की सुबह धुएं के साथ हुई और बाहर निकलने वाले लोगों को एक बार फिर दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसी बीच हम आपको ये बता रहे हैं कि पटाखों से निकलने वाला धुआं आपके लिए कितना खतरनाक है?
जमकर हुई आतिशबाजी
दिल्ली में दिवाली से पहले प्रदूषण का स्तर कुछ इस कदर बढ़ जाता है कि पिछले कुछ सालों से हर बार सुप्रीम कोर्ट को बैन का आदेश देना पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बार भी पटाखों पर बैन का आदेश दिया था, लेकिन दिवाली की रात जो आतिशबाजी हुई उसमें बैन जैसी कोई चीज ही नहीं नजर आई. एक छोटे से पटाखे से भी काफी ज्यादा धुआं निकलता है, अब दिल्ली-एनसीआर में लाखों पटाखे एक साथ चले तो आप धुएं का अंदाजा लगा सकते हैं.
पटाखों का धुआं कैसे होता है खतरनाक
अब बात करते हैं कि पटाखों से निकलने वाला ये धुआं कितना खतरनाक होता है. दरअसल पटाखों में कई तरह के केमिकल होते हैं, जिनके रिएक्शन के बाद ही धमाका या फिर अलग-अलग कलर दिखाई देते हैं. पटाखों में मौजूद सल्फर डाई ऑक्साइड काफी खतरनाक होता है. ये इंसान के शरीर के लिए बेहद खतरनाक होता है, ऐसी हवा में सांस लेने वाले ज्यादातर लोगों को अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
हवा में जहर घोलते हैं केमिकल
पटाखों में जो जोरदार धमाका होता है उसके लिए पोटेशियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया जाता है. पोटेशियम नाइट्रेट से आंखों और स्किन को दिक्कत हो सकती है. अमोनियम और पोटेशियम के चलते लंग कैंसर तक हो सकता है. इसके अलावा पटाखों से बोरियम नाइट्रेट भी निकलता है, जिससे इरिटेशन और मांसपेशियों की बीमारी हो सकती है. पटाखों में मरकरी मैग्निशियम, कार्बन मोनो ऑक्साइड और लेड जैसे खतरनाक केमिकल भी मौजूद होते हैं. कुल मिलाकर पटाखों के धुएं में कुछ दिन तक सांस लेने के बाद आपको कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं.
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