हाल ही में हैदराबाद के आबिद इलाके में एक पटाखों की दुकान में भीषण आग लग गई. इस दौरा आग की लपटें इतनी तेज थीं कि दमकल कर्मियों का तक आग बुझाने के लिए अंदर जाना मुश्किल हो गया था. इस आग की चपेट में दुकान के बाहर खड़े कई वाहन भी आ गए. इस विस्फोट ने एक बार फिर सुरक्षा नियमों के पालन न करने के गंभीर परिणामों को उजागर किया है. इस हादसे में कई लोग घायल हुए और आसपास के इलाके में भारी तबाही मची. इस घटना ने एक बार फिर से इस बात पर जोर दिया है कि पटाखों की दुकानों को चलाने के लिए सख्त सुरक्षा नियमों का पालन करना कितना जरूरी है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर पटाखे की दुकान चलाने के लिए क्या नियम होते हैं.
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पटाखे की दुकान चलाने के लिए क्या होते हैं नियम?
पटाखे की दुकान शुरू करने से पहले दुकानदारों को उनके नियम और कानून ध्यान रखने होते हैं. बता दें पटाखों की दुकान चलाने के लिए सबसे पहले लाइसेंस लेना अनिवार्य है. इसके अलावा नियम ये भी है कि दुकान को आवासीय इलाकों से दूर और खुले स्थान पर होना चाहिए. साथ ही दुकान में आग बुझाने के उपकरण होने चाहिए और पटाखों को सुरक्षित तरीके से रखा जाना चाहिए. हालांकि कुछ राज्यों में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा होता है या कुछ विशेष अवसरों पर ही इसकी अनुमति होती है.
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क्या हो सकते हैं विस्फोट के कारण?
पटाखों की दुकानों में विस्फोट के कई कारण हो सकते हैं. जैसे कई बार दुकानदार अवैध और कम गुणवत्ता वाले पटाखे बेचते हैं, जो विस्फोट का कारण बन सकते हैं. साथ ही दुकानों में अक्सर सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया जाता है, जैसे कि पटाखों को सुरक्षित तरीके से रखना और आग बुझाने के उपकरणों का होना. बिजली के शॉर्ट सर्किट से भी पटाखों की दुकान में आग लग सकती है. कभी-कभी अराजकतत्व भी इस तरह की आग लगाने के काम करते हैं.
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