अगले साल 2024 में 8 फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं. जिसके लिए प्रत्याशियों का नामांकन पत्र दाखिल करने की कवायत शुरू हो चुकी है. पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी चुनी हुई सरकार ने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है. साल 2024 में होने वाले चुनावों के लिए पाकिस्तान में अभी से तैयारी शुरू हो चुकी है. पाकिस्तान की प्रमुख पार्टियों ने अभी से अपने-अपने प्रत्याशियों को टिकट दे दिए हैं. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार कोई हिंदू महिला चुनाव लड़ने जा रही है. कौन है यह महिला और क्या होते हैं पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोगों के लिए चुनावी प्रक्रिया के नियम. आइए जानते हैं. 


खैबर पख्तूनवा से चुनाव लड़ रहीं हैं सवीरा प्रकाश 


जिस तरह भारत में कई राजनीतिक पार्टियों है ठीक उसी प्रकार पाकिस्तान में अभी कई राजनीतिक पार्टियों हैं लेकिन अगर प्रमुख पार्टियों की बात की जाए तो फिलहाल तीन ही पार्टियों ऐसी हैं जो सत्ता के करीब आती हुई नजर आती हैं. जिनमें पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई), पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) यानी पीएमएल एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी (पीपीपी). पाकिस्तान के प्रांत खबर से आने वाली डॉक्टर सवीरा प्रकाश इस बार खैबर पख्तूनवा से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की उम्मीदवार के रूप में खड़ी हुई है.बुनेर जिले की केपीके 25 आरक्षित विधानसभा की सीट से सवीरा चुनाव लड़ने जा रही हैं. सवीरा प्रकाश पेशे से डाॅक्टर हैं. उनके पिता ओमप्रकाश भी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से जुड़े रहे हैं.


हिंदुओं के लिए क्या हैं नियम?


हिंदू पाकिस्तान में अल्प संख्यकों में आते हैं. ईसाई और सिख कम्यूनिटी भी अल्प संख्यक समुदाय में आते हैं. पाकिस्तान के संविधान में अल्पसंख्यकों के लिए अलग से नियम कानून बनाए गए हैं. राजनीति के कानून में अल्पसंख्यकों के लिए अलग से प्रावधान रखा गया है. संविधान के अनुच्छेद 51 (2ए) द्वारा पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में गैर मुस्लिम लोगों के लिए 10 सीट हैं रिजर्व है. तो वहीं अनुच्छेद 106 के अनुसार 4 प्रांतीय विधानसभा में नॉन मुस्लिम लोगों के लिए 23 सीट रिजर्व है. पाकिस्तान की सीनेट में भी गैर मुस्लिम लोगों के लिए 4 सीट रिजर्व है.  


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