Flesh Eating Bacteria: दुनिया में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं. अभी हाल ही में एक शोध में ऐसा ही बदलाव सामने आया है. दरअसल, सागर के तटीय जल में मांस खाने वाले बैक्टीरिया पाए गए हैं. गर्म होते तटीय जल में ही बैक्टीरिया बढ़ रहे हैं. ये खतरनाक बैक्टीरिया इंसानों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते हैं. इसकी वजह भी बेहद गंभीर है.


दरअसल, जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी का वातावरण और महासागर दोनों ही गर्म हो रहे हैं. इंसानों से जनित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन नए नए खतरे पैदा कर रहा है. समुद्री तट के जल में ये मांस खाने वाले बैक्टीरिया भी इसी का नतीजा हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, समुद्र के गर्म होने से तटीय जल में मांस खाने वाले बैक्टीरिया का प्रसार होता है. ये बैक्टीरिया अच्छे मौसम में भी इंसानों को खतरनाक रूप से बीमार कर सकते हैं.


इस तरह लेता है लोगों को चपेट में


शोध में पाया गया कि समुद्र के तट पर विब्रियो वुल्निफिशस (Vibrio vulnificus) बैक्टीरिया बढ़ रहा है. यह इंसानों को संक्रमित करता है. जब कोई कच्चा या अधपका समुद्री भोजन खाता है खासकर सीप और खुले घाव के संपर्क में आने पर यह जानलेवा बैक्टीरियल इनफेक्शन नेक्रोटाइज़िंग फासिसाइटिस भी फैलाता है. इस शोध को साइटिफिक रिपोर्ट्स (Scientific Reports) में प्रकाशित किया गया है.


तेजी से बढ़ रहा है बैक्टीरिया


शोध के अनुसार, मेक्सिको की खाड़ी, जॉर्जिया और फ्लोरिडा के अटलांटिक तटों पर वी. वल्निफिशस बैक्टीरिया का खतरा बढ़ रहा है. अमेरिका के पूर्वी तट पर पिछले 30 सालों में V. vulnificus के संक्रमणों की संख्या हर साल 10 से बढ़कर 80 हो गई है. अनुमान है कि 2100 तक यह संख्या 200 तक पहुंच जाएगी. बताया जा रहा है कि कुछ ही दशकों में V. vulnificus संक्रमण, न्यूयॉर्क को चपेट में ले सकता है. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 2080 के दशक तक यह बैक्टीरिया हर पूर्वी अमेरिकी राज्य को संक्रमित कर सकता है.


क्या होता है संक्रमण का असर?


शोधकर्ताओं का कहना है कि आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन इसके प्रसार को प्रभावित कर सकता है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, इससे संक्रमित घाव वाले 5 में से 1 व्यक्ति की मौत हो जाएगी. संक्रमित होने के एक से दो दिन के भीतर ही यह इंसान की जान ले लेता सकता है. अगर कुछ बच जाते हैं तो उन्हें बहुत देखभाल की जरूरत होगी या फिर उनका संक्रमित अंग काट दिया जाएगा.


ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करेगा प्रभावित


शोध में कहा गया है कि 21वीं सदी के अंत तक यह बैक्टीरिया उत्तर की ओर भी बढ़ जाएगा और कितना आगे जाएगा यह वार्मिंग की डिग्री पर निर्भर करेगा, यानी इस खतरनाक बैक्टीरिया के फैलने की चाल भविष्य के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर निर्भर करेगी. 


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