'एनिमल' वाले प्लेन में रिकॉर्ड हुई थीं रोमांटिक आवाजें, आखिर आपकी किन-किन बातों का डेटा जुटा लेता है ब्लैक बॉक्स
आज के दौर में अधिकांश लोग समय बचाने के लिए फ्लाइट से सफर करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्लाइट में एक ब्लैक बॉक्स होता है, जिसमें फ्लाइट और आस-पास मौजूद सभी आवाजें रिकॉर्ड होती हैं.
एनिमल फिल्म का ‘हुआ मैं’ खाना तो अधिकांश लोगों को याद ही होगा. इस गाने में रश्मिका और रणबीर कपूर फ्लाइट में रोमांस करते हैं. वहीं गाने के लॉस्ट में मंदिर के सामने सात फेरे लेते हुए नजर आते हैं. इस 2 मिनट 45 सेकेंड के वीडियो में रणबीर और रश्मिका की रोमांटिक केमिस्ट्री काफी जबरदस्त है. लेकिन क्या आपको पता कि इस गाने की शूटिंग के दौरान फ्लाइट में रोमांटिक आवाजें रिकॉर्ड हुई थी और ये आवाज फ्लाइट में मौजूद ब्लैक बॉक्स के जरिए रिकॉर्ड हुई थी. आज हम आपको बताएंगे कि ये ब्लैक बॉक्स क्या होता है और इसमें आवाज कैसे रिकॉर्ड होती है?
क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
आज के समय में वक्त बचाने के लिए हवाई जहाज का उपयोग ज्यादा लोग करते हैं. लेकिन आज हम आपको फ्लाइट में लगे ब्लैक बॉक्स के बारे में बताने वाले हैं. दरअसल ब्लैक बॉक्स जिसे 'फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर' भी कहा जाता है, यह एक ऐसा डिवाइस है जो उड़ान के दौरान विमान से जुड़ा डेटा इकठ्ठा करता है. आमतौर पर एक हवाई जहाज में दो ब्लैक बॉक्स होते हैं, जो विमान के आगे और पीछे स्थित होते हैं. जानकारी के मुताबिक ये उड़ान डेटा को ट्रैक करते हैं और विमान दुर्घटना होने पर उस समय घटित होने वाले घटनाओं को रिकॉर्ड करते हैं.
ब्लैक बॉक्स क्या करते हैं?
बता दें कि दुर्घटना और घटना की जांच में मदद के लिए हवाई जहाज में एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डिंग सिस्टम स्थापित किया जाता है. इसे ही 'ब्लैक बॉक्स' कहा जाता है. इसे फ्लाइट रिकॉर्डर भी कहा जाता है. प्रत्येक उड़ान में दो अलग-अलग रिकॉर्डिंग डिवाइस लगे होते हैं, जिन्हें एक इकाई बनाने के लिए जोड़ा जा सकता है. ये देखने में जूते के डिब्बे के आकार का होता है. ब्लैक बॉक्स को टाइटेनियम से तैयार किया जाता है. जिस कारण ये पानी में या बड़ी ऊंचाई से गिरने पर किसी भी झटके से बचने की ताकत देता है.
इसके अलावा यह डिवाइस दिशा, ऊंचाई, ईंधन, गति, अशांति, केबिन तापमान और अन्य चीजों पर डेटा स्टोर करने में सक्षम है. इनमें से लगभग 88 मानों को लगभग 25 घंटों तक रिकॉर्ड करना संभव है. यह ब़ॉक्स दस घंटे तक 260°C और एक घंटे तक लगभग 11000°C तापमान सहन कर सकता है. वहीं इन बक्सों को आसानी से पहचाना जा सकता है. इसके अलावा किसी भी दुर्घटना होने से पहले विमान की स्थिति का पूर्वानुमान लगाने के लिए, यह इंजन, आपातकालीन अलार्म, केबिन और कॉकपिट की आवाज़ को रिकॉर्ड करता है.
कैसे बना ये बॉक्स
जेट दुर्घटनाओं के बढ़ते हादसों को देखते हुए इस बॉक्स को स्थापित किया गया था. कहा जाता है कि ये मूल रूप से बॉक्स लाल था, जिसका उपनाम 'रेड एग' था. लेकिन बॉक्स की आंतरिक दीवारें काली थी, इसलिए इसे 'ब्लैक बॉक्स' नाम मिला है.