Difference Between Fog and Smog: सर्दियों के मौसम में सुबह के समय आपने देखा होगा कि वातावरण में हल्की धुंध दिखाई देती है, जिससे आपको दूर का साफ नहीं दिखाई देता है. वातावरण में विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है और कुछ मीटर बाद ही धुंधला दिखाई देने लगता है. कई बार ये स्थिति कोहरे की वजह से होती है तो कई बार ये स्थिति प्रदूषण की वजह से होती है. दरअसल, ज्यादा एक्यूआई होने की वजह से भी वातावरण में धुंधलापन नजर आने लगता है और कोहरे की तरह हर तरफ धुआं ही धुआं होता है. ऐसे में सवाल है कि आखिर ये पता कैसे किया जाए कि आपके शहर में जो धुंध है, वो कोहरा है या फिर प्रदूषण. आइए आज हम आपको इनके बीच के अंतर को समझाते हैं.


क्या होता है कोहरा? (Fog)
कोहरा एक प्रकार की जल वाष्प होती है. हवा एक निश्चित मात्रा में गैसीय अवस्था में पानी या जलवाष्प पकड़ सकती है. जैसे-जैसे हवा में पानी की मात्रा अधिक होती जाती है तो हवा और अधिक नम हो जाती है. जल वाष्प जब पूरी तरह से हवा को सैचुरेटेड करने लगती है तो पानी की बूंदें कंडेंस्ड होने लगती हैं, या फिर यूं कहें कि गैस से वापस तरल में बदल जाती हैं. तब ये बूंदें हवा में ही रह जाती हैं और एक मोटी धुंध की परत के रूप में दिखाई देती हैं, जिसे आम भाषा में कोहरे के रूप में जाना जाता है.


कोहरा तब बनता है जब हवा के तापमान और ओस बिंदु के बीच 2.5 डिग्री सेल्सियस से कम का अंतर होता है. कोहरा की देखकर पहचान इस तरह की जा सकती है कि अगर वातावरण में कोहरा है तो यह एक सफेद चादर की तरह दिखता है और ज्यादा ऊंचाई तक नहीं होता है. इसमें सिर्फ जलवाष्प होती है और आपको सर्दी लगती है.


क्या है धुंध या स्मॉग? (Smog)
कोहरे का धुएं के साथ मिश्रण होने पर धुंध (Smog) का निर्माण होता है. स्मॉग, फॉग और स्मोक यानी कोहरे और धुएं के कॉम्बिनेशन से बनता है. इसमें खतरनाक और जानलेवा गैसें जैसे बेन्जीन और सल्फर डाइऑक्साइड आदि भारी मात्रा में पाई जाती हैं. ये गैसें मिलकर पहले स्मोक बनाती हैं और फिर फॉग यानी कोहरे से रिएक्शन करके केमिकल कंपाउंड बनाती हैं जिससे स्मॉग का निर्माण होता है. इस तरह के स्मॉग बनाने वाले ज्यादातर कम्पाउंड फैक्ट्रियों से निकले वाले धुएं, फसलों और पराली को जलाने से निकलने वाले धुएं से और ऐसे कई पावर प्लांट से आते हैं जहां इन खतरनाक गैसों का नियमित रूप से इस्तेमाल होता है.


ये प्रदूषण और कोहरे से मिलकर बनता है और कम तापमान होने पर ये और अधिक खतरनाक हो जाता है. सर्दियों में भी तापमान कम होता है इसलिए इस मौसम में यह अक्सर बनता है. स्मॉग से आंखों में जलन, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों में रुकावट जैसी और भी कई सांस संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है. स्मॉग में एक अलग तरह की बदबू महसूस होती है और इसमें प्रदूषण के कण होने की वजह से इसका कलर भी ग्रे जैसा होता है. इसमें विजिबिलिटी बहुत ज्यादा कम हो जाती है.


दोनों में कैसे करें अंतर?
फॉग और स्मॉग में अंतर देखने से पता किया जा सकता है. दरअसल, स्मॉग की स्थिति में हवा में हल्का कालापन रहता है यानी स्मॉग ग्रे कलर का होता है. लेकिन, जब सिर्फ कोहरा रहता है तो आपको वातावरण में ग्रे कलर की नहीं बल्कि सफेद कलर की परत दिखाई देती है. फॉग के लिए कहा जाता है कि यह ज्यादा ऊंचाई तक नहीं होती है, जबकि स्मॉग हवा में तैरता रहता है और गैस चेंबर का काम करता है. स्मॉग की स्थिति में आपको सांस लेने में मुश्किल होती है और कुछ ही देर में गले में खराश जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कोहरे की स्थिति में ऐसा नहीं होता है, बस आपको सर्दी ज्यादा लगती है. 


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