मां के पेट में कब और कैसे सोता है बच्चा, जानें पैदा होने के कितने दिन बाद बदल जाता है ये रूटीन
मां के पेट में करीब 9 महीने तक बच्चे का विकास पूरा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां के पेट में कितने समय तक बच्चा सोता है और पैदा होने के बाद कितने दिनों में रूटीन बदलता है. जानिए इसका जवाब.

किसी भी महिला के लिए मां बनना एक सपने की तरह होता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि जब बच्चा मां के गर्भ में रहता है, तो वो क्या करता है? अधिकांश लोगों को ये लगता है कि गर्भ में बच्चा बस सोया रहता है, लेकिन ऐसा नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि गर्भ में बच्चा कब और कितना सोचा है और बाकी समय क्या करता है.
मां के गर्भ में 9 महीने रहता है बच्चा
मां के गर्भ में 9 महीने रहने पर ही किसी भी बच्चे का विकास पूरा होता है. इसीलिए महिलाओं को डॉक्टर्स समेत सभी एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि गर्भावस्था में 9 महीने तक बच्चे को रखना जरूरी होता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इन महीनों के दौरान बच्चा कितने समय सोता है और बाकी समय क्या करता है. आज हम आपको बताएंगे कि मां के पेट में रहने और डिलेवरी के कितने दिनों के बाद बच्चे के रूटीन में बदलाव आता है.
कितने समय सोता है बच्चा?
जानकारी के मुताबिक मां के गर्भ में बच्चा 90 से 95 प्रतिशत समय सोता ही है. वहीं प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में बच्चे की नींद के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं होती है. लेकिन हां सातवें महीने तक पहुंचने पर बच्चे की आंखों की मूवमेंट होने लगती है. हालांकि एक्सपर्ट के मुताबिक फिर भी बच्चा दिन का 90% से 95% समय सोता है. इनमें से कुछ घंटे गहरी नींद , कुछ REM नींद में और कुछ अनिश्चित अवस्था में बिताते हैं. रिसर्च में पाया गया है कि REM नींद के दौरान बच्चे की आंखें एक वयस्क की आंखों की तरह आगे-पीछे चलती हैं.इसके अलावा गर्भावस्था के पांचवें हफ़्ते के आस-पास मस्तिष्क के विकास की प्रक्रिया शुरू हो जाता है.
कितने दिनों में बदलता है रूटीन
अब सवाल ये है कि बच्चा जन्म लेने के कितने दिनों के बाद अपना रूटीन बदलता है. बता दें कि जन्म के बाद बच्चा पहले की तरह की लंबे समय तक सोता है. लेकिन धीरे-धीरे जैसे-जैसे वो मां का दूध पीता है और उसका विकास होता है, उस तरीके से उसका रूटीन भी बदलता है. लेकिन पाया गया है कि जन्म के एक महीने तक बच्चा अधिक सोता है, उसके बाद उसके रूटीन में थोड़ा सा बदलाव होता है. इसके अलावा जन्म के बाद बच्चा अपना पोषण दूध से पाता है और फिर भूख लगना भी उसके रूटीन में शामिल हो जाता है.
ये भी पढ़ें:मुख्यमंत्री चुनने के लिए होती है विधायक दल की बैठक, जानें इसमें कैसे होती है वोटिंग
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
