पाकिस्तान में पहली बार कोई हिंदू महिला पुलिस अधिकारी बनी है. मनीषा रोपेटा को ये गौरव मिला है. वो सिंध पुलिस की पहली महिला पुलिस अधिकारी है. रोपेटा ने 2021 में सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की थी. पाकिस्तान में हिंदू लड़की का पुलिस अधिकारी बनना मुश्किल माना जाता है. रोपेटा ने पाकिस्तानी अभिनेत्री निमरा खान के अपहरण की कोशिश के मामले को संभाला था. रोपेटा ने पुलिस बल में शामिल होने के बारे में कहा था, "मुझे उम्मीद है कि हमारे समुदाय की लड़कियां मेरी कहानी से प्रेरित होकर मेरे द्वारा अपनाए रास्ते पर चलेंगी".
पाकिस्तान में किसी हिंदू का पुलिस में अधिकारी बनना काफी मुश्किल है. ऐसे में जब मनीषा रोपेटा जब पुलिस अधिकारी बनीं तो वो चर्चाओं में आ गईं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या पाकिस्तान में पुलिस के नियमों में ही हिंदू व्यक्ति का पुलिस अधिकारी बनना मुमकिन नहीं हो पाता. चलिए जानते हैं कि पाकिस्तान में सेना और पुलिस में भर्ती के लिए क्या नियम और कानून हैं.
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पाकिस्तान में पुलिस और सेना भर्ती नियम क्या हैं?
पाकिस्तान में पुलिस और सेना में भर्ती के नियम लगभग एक जैसे ही हैं, चलिए पाकिस्तान में सेना और पुलिस भर्ती नियमों को जानते हैं.
पुलिस में भर्ती के नियम- पाकिस्तान में पुलिस में भर्ती के लिए उम्मीदवारों को कुछ जरुरी मानकों को पूरा करना पड़ता है. इसके लिए एक शारीरिक परीक्षा, लिखित परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार होता है. शारीरिक परीक्षा में दौड़, ऊंची कूद और कई टेस्ट शामिल होते हैं. लिखित परीक्षा में सामान्य ज्ञान, मानसिक क्षमता और तर्कशक्ति से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. इसके बाद उम्मीदवारों को पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें उन्हें कानून, जांच प्रक्रिया, और कर्तव्यों के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है.
सेना में भर्ती के नियम- पाकिस्तान सेना में भर्ती के लिए उम्मीदवारों को शारीरिक परीक्षा, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है. सेना में भर्ती के लिए उम्मीदवारों की आयु सीमा 16 से 23 वर्ष तक होती है. इसके अलावा सेना में भर्ती होने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य, शारीरिक क्षमता और मानसिक फिटनेस टेस्ट भी होता हैं. साथ ही सेना में भर्ती के लिए उम्मीदवार का पाकिस्तानी नागरिक होना जरुरी है. सेना में भर्ती के लिए अलग-अलग तरह के पद होते हैं जैसे अधिकारी, नॉन-कमीशन अधिकारी, सैनिक और इन सभी के लिए अलग-अलग मानक होते हैं.
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अल्पसंख्यकों के लिए भी हैं अलग नियम
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों जैसे हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों के लिए सेना और पुलिस में कुछ ही मौके होते हैं. इन समुदायों के सदस्य आमतौर पर सैन्य और पुलिस बल में कम संख्या में होते हैं. पाकिस्तान सरकार ने अल्पसंख्यकों को सरकारी सेवाओं में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया है. पुलिस और सेना में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटें भी हैं, जो उनकी भागीदारी को बढ़ावा देती हैं.
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