क्या है फॉरेस्ट बाथिंग और ग्रीन प्रिस्क्रिप्शन, जो अब तेजी से दुनियाभर में पांव पसार रही है
Forest Bathing And green Prescription: अब दुनिया में बीमारी के वक्त इंसानों को फॉरेस्ट बाथिंग और ग्रीन प्रिस्क्रिप्शन के जरिए लोगों को ठीक किया जा रहा है. तो जानते हैं कि आखिर ये क्या है.
आपने देखा होगा कि जब कोई बीमार होता है तो कई तरह से उसे ठीक किया जाता है. दवाइयों से लेकर एक्सरसाइज जैसे कई तरीकों से बिगड़ी हेल्थ को रिकवर किया जाता है. दवाइयों में भी आयुर्वेद, ऐलोपेथ, होम्योपैथिक आदि का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन तबीयत ठीक करने के इन तरीकों में फॉरेस्ट बाथिंग और ग्रीन प्रिस्क्रिप्शन का भी काफी इस्तेमाल किया जा रहा है. जी हां, अब इन तरीकों से इंसान की दिक्कतों को दूर किया जा रहा है. वहीं, भारत से बाहर कई जगहों पर इस तरीके का काफी इस्तेमाल हो रहा है और लोगों को इसका फायदा भी मिल रहा है.
आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये क्या है और इन तरीकों से कैसे इंसान को ठीक किया जाता है. तो आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ये क्या होते हैं और किस तरह से इनका इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. अभी
क्या होती है फॉरेस्ट बाथिंग?
वैसे तो आप नाम से ही काफी कुछ समझ रहे होंगे. दरअसल, यह बॉडी रिलेक्स करने या रिलेक्सेशन का जापानी तरीका है, जिसे जापान में shinrin yoku कहा जाता है. इस तरह की थैरेपी में पेड़ों के बीच शांत स्थान पर गहरी सांस लेते हुए आस-पास की प्रकृति को देखना होता है. यह तरीका व्यस्क और बच्चों को प्राकृतिक तरीके से बिना किसी दवाई के तनाव मुक्त करने में मदद करता है. फॉरेस्ट बाथिंग की जापानी प्रेक्टिस शारीरिक और मानसिक हेल्थ दोनों के लिए काफी अच्छी रहती है.
बता दें कि यह साबित हो चुका है कि यह स्ट्रेस हार्मोन को कम करने, खुश रहने की फीलिंग्स को बढ़ाने, क्रिएटिविटी बढ़ाने और हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने का काम करता है. ऐसा लगातार करने से आप कई तरह की बीमारियों से बच जाते हैं. इसे करने के लिए खाली स्थान चुनें और अपनी सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस फोन आदि से दूर रहें. साथ ही इस दौरान प्रकृति के बीच पांचों सेंस का इस्तेमाल करें. इसके बाद आपको काफी फायदा मिलता है.
फिर क्या है ग्रीन प्रिस्क्रिप्शन?
अगर ग्रीन प्रिस्क्रिप्शन की बात करें तो डॉक्टर की ओर से दी गई एक सलाह ही है, जिससे किसी मरीज को स्वस्थ रखा जा सके. इसमें खास बात ये है कि जो भी डॉक्टर की ओर से सलाह दी जाती है, प्रकृति के आधार पर दी जाती है. इसमें लोगों को प्रकृति से जुड़ी चीजों में शामिल किया जाता है, जैसे कुछ उगाना, सामुदायिक बागवानी, एक साथ प्रकृति के बीच टाइम स्पेंड करना आदि शामिल है.
इस तरह की सलाह खासकर उन मरीजों को दी जाती है, जो मोटापा, हार्ट, डायबिटीज, मेंटल हेल्थ आदि को लेकर परेशान हैं. इसमें अलग प्लान के जरिए लोगों को प्रकृति से जोड़कर रखा जाता है. ग्रीन प्रिस्क्रिप्शन कार्यक्रमों में अक्सर स्थानीय पार्कों और मनोरंजन विभागों, सामुदायिक संगठनों और अन्य समूहों के साथ साझेदारी शामिल होती है.
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