आखिर क्या है फॉर्म 45, जिसका पाकिस्तान में हो रहा है बार-बार जिक्र
पाकिस्तान में आम चुनाव के नतीजे आ गए हैं. लेकिन वहां की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. आज हम आपको बताएंगे कि फॉर्म 45 क्या है, जिसका वहां पर लगातार जिक्र हो रहा है.
पाकिस्तान में बीते 8 फरवरी को हुए आम चुनाव के परिणाम तो आ गए हैं. लेकिन पाकिस्तान की सियासत में लगातार भूचाल मचा हुआ है. पाकिस्तान की राजनीति में आरोप प्रत्यारोप के समय लगातार फॉर्म 45 का जिक्र हो रहा है. आज हम आपको बताएँगे कि ये फॉर्म 45 क्या है और ये कैसे चुनाव से जुड़ा हुआ है.
फॉर्म 45 क्या होता है?
पाकिस्तान चुनाव में फॉर्म 45 को एक अहम दस्तावेज माना जाता है. क्योंकि फॉर्म 45 में किसी क्षेत्र के पोलिंग बूथ में पड़े वोटों का ब्यौरा होता है. इतना ही नहीं इस फॉर्म में पोलिंग स्टेशन की संख्या, निर्वाचन क्षेत्र का नाम, कुल कितने रजिस्टर्ड वोटर्स, कितने वोट, किस उम्मीदवार को कितने वोट ये सब जानकारी होती है. यही कारण है कि पाकिस्तान में इस फॉर्म 45 को रिजल्ट ऑफ द काउंट भी कहा जाता है.
चुनाव में सबसे जरूरी फॉर्म 45?
बता दें कि फॉर्म 45 से चुनाव में पारदर्शिता बढ़ती है. इतना ही इस फॉर्म के जरिए ही मतों का सत्यापन होता है और माना जाता है कि इससे धांधली नहीं होगी. बता दें कि हर पोलिंग स्टेशन में उस क्षेत्र का फॉर्म 45 तैयार होता है. वहीं प्रिसाइडिंग ऑफिसर और पोलिंग एजेंट इस पर अपने साइन करते हैं. नियमों के मुताबिक उम्मीदवार और मतदाता को ये फॉर्म देखने की इजाजत होती है, जिससे वो खुद वोटों का पूरा ब्यौरा देख सकता है. इसके बाद जब शाम को वोटिंग खत्म होती है, तो ये फॉर्म आगे रिटर्निंग ऑफिसर को भेज दिया जाता है. इसके बाद शाम को सभी पोलिंग स्टेशन से आए फॉर्म 45 को इकट्ठा करके परिणाम निकाला जाता है.
क्या है मामला
पीटीआई पार्टी ने आरोप लगाया है कि फॉर्म 45 के डाटा में हेरफेर हुआ है. पार्टी ने कहा है कि पीटीआई उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों ने इनकी (फॉर्म 45) कॉपी लिया था. जिसमें पीटीआई पार्टी बड़े बहुमत से जीत रही थी. इसके अलावा भी पार्टी ने आरोप लगाया है कि पोलिंग एजेंटों का अपहरण करके उनसे फर्जी फॉर्म 45 पर साइन करने के लिए मजबूर किया गया है.
इसके अलावा ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर फॉर्म 47 के जरिए नतीजों में हेरफेर की है. बता दें कि फॉर्म 47 में चुनावी निर्वाचन क्षेत्र के हर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की पूरी जानकारी होती है. पाकिस्तान चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक फॉर्म 47 को तैयार करने के दौरान उम्मीदवार और उनके पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति होना अनिवार्य है. इसके अलावा रात 2:00 बजे तक नतीजे (फॉर्म 47) जारी करना अनिवार्य होता है. लेकिन पीटीआई पार्टी के मुताबिक चुनावों में इन दोनों नियमों का उल्लंघन हुआ है.
धांधली के आरोप
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीटीआई की तरफ से लड़ने वाले उम्मीदवार कई निर्वाचन क्षेत्रों में अचानक हार गए हैं, जहां वो पहले ही स्पष्ट बहुमत से जीत चुके थे. बता दें कि ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑफ पाकिस्तान एक गैर राजनीतिक संगठन है, जो पाकिस्तान चुनावों की शुरूआत से उनकी विश्वसनीयता की करीबी से जांच कर रहा है. इस संगठन ने भी चुनावों की वैधता पर सवाल खड़े किए हैं.
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