दुनिया में एक से बढ़कर एक अजूबे हैं. इनमें से कुछ को देख कर तो आपको ऐसा लगेगा जैसे ये इस दुनिया के हैं ही नहीं. इसी तरह का एक अजूबा है नर्क का द्वार, जिसके अंदर से पिछले कई सालों से लगातार आग निकल रही है. हिंदू धर्म में स्वर्ग और नर्क की कहानी सबको पता है. कहा जाता है कि जो लोग अच्छा काम करते हैं वो स्वर्ग जाते हैं और जो लोग बुरा काम करते हैं वो नर्क जाते हैं. हालांकि, अब तक किसी को ये नहीं पता था कि ये नर्क और स्वर्ग है कहां. लेकिन जब से ये रहस्यमयी जगह मिली है, कुछ लोग इसे ही नर्क का दरवाजा कहने लगे हैं.


कहां है ये नर्क का दरवाजा


जिस जगह को पूरी दुनिया में नर्क का दरवाजा कहा जाता है, वो जगह कहीं और नहीं बल्कि तुर्कमेनिस्तान में है. यहां मौजूद एक विशाल क्रेटर को ही नर्क का दरवाजा कहा जाता है. दरअसल, इससे बीते 50 वर्षों से आग निकल रही है. इस आग की तपन इतनी ज्यादा होती है कि आप अगर इसके करीब भी चले जाएं तो पिघल जाएंगे. नर्क के दरवाजे के नाम से मशहूर ये गड्ढा 230 फीट चौड़ा है. वैज्ञानिक कहते हैं कि इस गड्ढे में आग गैस के कारण लगी है और निरंतर उसी के कारण आग धधक रही है. तुर्कमेनिस्तान के अश्गाब शहर से 160 मील दूर स्थित काराकुम रेगिस्तान में मौजूद ये गड्ढा आज पूरी दुनिया के लिए रहस्य बना हुआ है. अंग्रेजी में इस जगह को कुछ लोग गेट ऑफ हेल और माउथ ऑफ हेल भी कहते हैं.


कैसे लगी मौत के दरवाजे में आग?


कहा जाता है कि पहले ये गड्ढा नहीं था, बल्कि सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान जब सोवियत संघ की हालत खराब होने लगी तो वह तेल और प्राकृतिक गैसों के लिए रेगिस्तान में खुदाई करने लगा. इस खुदाई के दौरान एक जगह ऐसी मिली जहां काफी गैस थी. लेकिन जब यहां से गैस निकालने की कोशिश हुई तो ये जगह अचानक से धंस गई और इसमें आग लग गई. ये आग आज भी जल रही है और लोगों के दिल में एक अलग सी खौफ पैदा कर रही है. कहते हैं कि कई वर्षों तक यहां के लोकल लोग इस जगह को शापित मानते रहे. उन लोगों का कहना था कि इस जमीन के नीचे शैतान रहते हैं और ये आग उनके गुस्से का कहर है. हालांकि, विज्ञान ऐसा कुछ नहीं मानता. विज्ञान का मानना है कि इस गड्ढे से गैस बीते 50 वर्षों से रिस रहा है, जिसकी वजह से ये आग बरकरार है.


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