भारत जैसे देश में शराब बेचने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है. इसके साथ ही शराब पर टैक्स लगा कर भारत सरकार और राज्य सरकारें हर साल करोड़ों अरबों कमाती हैं. लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि किसी देश की सरकार अपने देश के कारोबारियों से पहले शराब खरीदे फिर उसे खरीद कर बर्बाद कर दे. ऐसा ही हुआ है फ्रांस में. वहां की सरकार ने पहले अपने शराब कारोबारियों से शराब खरीदी और फिर उन्हें बर्बाद कर दिया. चलिए जानते हैं आखिर फ्रांस की सरकार ऐसा क्यों कर रही है.
फ्रांस की सरकार ऐसा क्यों कर रही है?
फ्रांस की सरकार का कहना है कि वो ऐसा अपने शराब कारोबारियों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए कर रही है. दरअसल, बीते कुछ समय में वहां शराब की खपत कम हुई है, इस वजह से फ्रांस के शराब कारोबारियों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा है. कुछ कारोबारी तो दिवालिया होने की कगार पर आ गए हैं. ऐसे में उन कारोबारियों के पास दो रास्ते हैं.
पहला कि वो अपनी कंपनी बंद कर दें और दूसरा ये कि वो सस्ती दरों पर अपनी वाइन पूरी दुनिया में सप्लाई करें. हालांकि, फ्रांस की सरकार नहीं चाहती की उसके यहां बनी शराब की कीमते इंटरनेशनल लेवल पर कम हों. इस वजह से फ्रांस की सरकार ने फैसला किया कि वो अपने कारोबारियों से शराब उचित कीमत पर खरीदेगी और फिर उसे बर्बाद कर देगी. सबसे बड़ी बात ये है कि फ्रांस की सरकार ने सिर्फ इसके लिए अलग से बीस अरब यूरो निकाल कर रखे हैं.
शराब बर्बाद क्यों कर रहे हैं?
अब सवाल उठता है कि सरकार शराब बर्बाद क्यों कर रही है. क्या वो इसका कोई और इस्तेमाल नहीं कर सकती. आपको बता दें, फ्रांस की सरकार का कहना है कि वो शराब कि कीमतों में गिरावट नहीं चाहती. इसके साथ ही सरकार शराब को ऐसी ही बर्बाद नहीं कर रही है, बल्कि उसके अंदर से अल्कोहल को अलग कर के दूसरी कंपनियों के प्योर अल्कोहल सप्लाई कर रही है, जो उससे सेनेटाइजर और दूसरी चीजें बना रहे हैं, जिनकी बाजार में अच्छी कीमत मिल सके. फ्रांस की सरकार का कहना है कि ऐसा ज्यादा दिन नहीं करना पड़ेगा, कुछ समय बाद जब बाजार सामान्य होगा और डिमांड बढ़ जाएगी तो सब कुछ पहले की तरह नॉर्मल हो जाएगा.
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