बारिश के लिए कराई जाती है जानवरों की शादी, क्या इस अजीब प्रथा के बारे में जानते हैं आप?
बारिश न होने पर कई जगहों पर जानवरों की शादी की प्रथा है, कहा जाता है जानवरों की शादी करवाने पर बारिश होने लगती है.
Frog wedding in india: भारत में अलग-अलग धर्मों, जातियों और समुदायों में अलग-अलग प्रथाएं मनाने की परंपरा है. कई रीति रिवाज तो ऐसे हैं जो सदियों से मनाए जा रहे हैं और जिनका जन्म अंधविश्वास से हुआ है. इनमें से कुछ रिवाज तो ऐसे हैं जिनके बारे में सुनकर भी अजीब लगता है. ऐसा ही एक रिवाज बारिश होने के लिए भी है, जिसमें मेंढ़कों की शादी करवाई जाती है. जी हां, यदि बारिश नहीं होती है तो दो मेंड़कों की शादी करवाने का रिवाज है.
क्यों करवाई जाती है मेंढ़कों की शादी?
भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है. हमारे देश में फसलों और वातावरण को अनुकूल बनाने में बारिश का अहम योगदान होता है. ऐसे में यदि किसी विशेष साल में अच्छी बारिश नहीं होती है तो पानी की कमी हो जाती है, जिसके चलते औसत से कम फसल की पैदावार होती है, जो कि दक्षिणी और पूर्वी महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, तेलंगाना और राजस्थान जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लगभग हर साल देखने को मिलता है. इसी परेशानी ने एक विशेष तरह की शादी को जन्म दिया, जिसे दो मेंढ़कों की शादी कहा जाता है.
कैसे शुरू हुई दो मेंढ़कों की शादी की प्रथा?
भारत एक कृषि प्रधान देश है, ऐसे में हमारे देश की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है. हमारे देश में कई लोग बारिश के लिए कई तरह के अनुष्ठान करते हैं, कुछ देवताओं को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ करते हैं तो कुछ टोने-टोटके के जरिये बारिश करवाने का प्रयास करते हैं. इसी में शामिल है मेंढ़कों की शादी.
दरअसल मेंढकों की शादी बारिश के भगवान को खुश करने का एक तरीका है जिसमें दो मेंढकों की शादी बिल्कुल उसी तरह की जाती है जैसे किसी हिंदू शादी में होती है. भारत के अलग-अलग हिस्सों में ये रिवाज अलग-अलग रूप से मनाया जाता है और अलग-अलग नामों से जाने जाते है.
कैसे होती है मेंढ़कों की शादी?
इस रस्म में मेंढकी को बिठाकर उसके शरीर पर तेल लगाया जाता है. उसके बाद उसे कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है, इसके बाद उसे पानी से नहलाया जाता है, फिर उसे शादी के दिन के लिए तैयार किया जाता है. इस बीच सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा होते हैं और वैदिक भजनों का पाठ किया जाता है.
बाद में मेंढकी को सिंदूर लगाया जाता है, एक बार शादी हो जाने के बाद, दुल्हन को एक सजी हुई हाथ गाड़ी में दूल्हे के घर भेजा जाता है. इसके बाद जोड़े को तालाब में छोड़ दिया जाता है और फिर लोग बारिश के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं.
तलाक की भी है रस्म
बारिश कराने के लिए जहां मेढकों की शादी कराई जाती है वहीं यदि बारिश बहुत ज्यादा हो जाती है तो उसे रोकने के लिए मेढकों का तलाक भी कराया जाता है. इसके अलावा कुछ जगहों पर गधों की शादी करवाने की भी प्रथा है.
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