Butterflies Named After Indian Names: जानवर, पशु और पक्षी अक्सर लोगों को बेहद प्यारे होते हैं. और जो चीज हमें प्यारी होती है. हम उसे कुछ ना कुछ नाम दे देते हैं. जैसे रिश्तो में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड या पति-पत्नी एक दूसरे को क्यूट से नामों से बुलाते हैं. कुछ कुछ वैसे ही समझ लीजिए. आपने अक्सर कुत्तों के नाम सुने होंगे.
बिल्लियों के नाम सुने होंगे, घोड़े के नाम सुने होंगे, तोता के नाम सुने होंगे. यहां तक की कबूतरों के नाम भी सुने होंगे. लेकिन आपने कभी किसी तितली का नाम सुना है. उसे किसी ने नाम दिया हो. अब भारत में अंगद और जटायु नाम की तितलियां मौजूद है. किसने दिया इन्हें यह नाम और क्या है बाकी तितलियों के नाम चलिए जानते हैं.
राष्ट्रीय तितली नामकरण सभा ने दिए तितलियों को नाम
भारत में तितलियों की कुल 1400 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. इन तितलियों को अलग-अलग नाम से जाना जाता था जैसे ग्रास ब्लूज, स्मॉल क्यूपिडी, स्मॉलर डोरलेट, गोल्डन बर्डविंग और ग्रास ज्वेल यह सभी तितलियों के अंग्रेजी नाम हुआ करते थे.
लेकिन अब ऐसा नहीं है. इन नामों को बदल कर राष्ट्रीय तितली नामकरण सभा ने इन तितलियों को हिंदी नाम दिए हैं. इनमें से बहुत से नाम रामायण के पात्रों के नाम हैं. जैसे अंगद और जटायु. अब भारत में पाई जाने वाली इन तितलियों को इन्हीं हिंदी नामों से जाना जाएगा.
इन तितलियों को अब इन नामों से पहचाना जाएगा.
राष्ट्रीय तितली नामकरण सभा ने फिलहाल कुल 231 तितलियों के नाम बदले हैं. जिन तितलियों के नाम बदले गए हैं. वह इस प्रकार हैं गोल्डन एंगल तितली का नाम अंगद कर दिया गया है. स्पॉटेड एंगल को चित्तीदार अंगद, एलिदा एंगल को अलिदा अंगद तो वहीं गोल्डन एंगल को सुनहरा अंगद नाम दिया गया है.
बेहद छोटी तितली ग्रास ज्वेल को अब रत्नमाला नाम से जाना जाएगा. बहुत दूर तक पंख फैलाने वाली गोल्डन बर्डविंग तितली को रंगोली जटायु कहा जाएगा. इसी प्रजाति की कॉमन वर्डविंग को बिंदी जटायु तो वहीं गोल्डन बर्डविंग को रंगोली जटायु नाम से जाना जाएगा.
डार्लेट प्रजाति की तितलियों के नाम ऐसे रखे गए हैं. जैसे भारत में बच्चों के नाम होते हैं. डार्लेट का नाम लाडली, स्मॉलर डोरलेट का छुटकी लाडली रखा गया है. तो वहीं कार्नेलियन का लल्लन, ग्रास ब्लूज का नीलू, स्मॉल क्यूपिड का छोटा मदन, ग्रास डाट्र्स का घसियारा. नींबू के पौधे पर लार्वा रखने वाली तितली लाइम ब्लू को नाम निंबुड़ा रखा गया है.
क्यों रख गए थे अंग्रेजी नाम?
अक्सर भारतीय लोगों के मन में यह सवाल आता है कि भारत में पाई जाने वाली तितलियों के नाम अंग्रेजी क्यों रखे गए. तो बता दें भारत में तितलियों की खोज अंग्रेजों के वक्त स्टार्ट की गई है. इसलिए इन तितलियों के नाम अंग्रेजी थे.
लेकिन इनके हिंदी नाम बदलने के लिए पिछले साल राष्ट्रीय नामकरण सभा गठित हुई. जिसमें बहुत सारे वन अधिकारी, भाषा विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् शामिल हैं. अभी तितलियों के हिंदी नाम रखने के लिए और भी चरण बाकी हैं.
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