गृहयुद्ध से लेकर गरीबी और बगावत की आग तक, जान लीजिए सीरिया से जुड़ी हर बात
सीरिया में गृहयुद्ध की शुरुआत साल 2011 में हुई थी. इसके बाद से ही इसके हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि सीरिया में बगावत की आग कब और क्यों जागी.
गृहयुद्ध की स्थिति झेल रहे सीरिया में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. देश के कई शहरों में विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने कब्जा कर लिया है. वहीं देश के राष्ट्रपति को अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा है. देश में ISIS के कई ठिकानों पर अमेरिका हवाई हमले कर रहा है. इजरायली सेना भी सीरिया में लगभग 50 साल बाद घुस चुकी है.
सीरिया में ये हालात कहीं न कहीं गृहयुद्ध के चलते हुए हैं, जो साल 2011 में ही शुरू हो चुका था. मध्य पूर्व में स्थित सीरिया पिछले एक दशक से ज्यादा समय से हिंसा, गृहयुद्ध और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है. यह देश अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक विविधता और भौगोलिक महत्व के कारण दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों में सीरिया गंभीर संकटों का सामना कर रहा है. ऐसे में चलिए सीरिया में गृहयुद्ध से लेकर गरीबी और बगावत के बारे में वो सब जानते हैं जो जरुरी है.
कितनी है सीरिया की आबादी?
सीरिया का भूगोल पश्चिमी एशिया में स्थित है और इसकी सीमाएं तुर्की, इराक, जॉर्डन, इज़राइल और लेबनान से मिलती हैं. यह भूमध्य सागर के पास स्थित है, जिससे इसे एक रणनीतिक स्थान प्राप्त है. सीरिया की कुल आबादी लगभग 17 मिलियन है, हालांकि 2011 से शुरू हुए गृहयुद्ध ने इस संख्या को प्रभावित किया है, जिससे लाखों लोग देश से पलायन कर चुके हैं.
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सीरिया की राजधानी और राज्य
सीरिया में कुल 14 राज्य (प्रांत) हैं, जिनमें दमिश्क, हलैब, होम्स, हमा, लताकिया, देर अल-जोर, रक्का, इदलिब और दारा जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं. दमिश्क, जो सीरिया की राजधानी है, एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास शहर है. इसके अलावा, हलैब और हमा जैसे शहर भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन गृहयुद्ध के दौरान इन शहरों को भारी नुकसान हुआ है.
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सीरिया में गृहयुद्ध और बगावत
सीरिया का गृहयुद्ध 2011 में शुरू हुआ, जब राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे. यह विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे एक बड़े संघर्ष में बदल गए, जिसमें अलग-अलग समूहों, जैसे सीरियाई सरकार, विद्रोही दल, कुर्दों और आतंकवादी संगठनों के बीच लड़ाई हुई. इस युद्ध में लाखों लोग मारे गए और करोड़ों लोग बेघर हो गए. अलग-अलग देशों जैसे अमेरिका, रूस, ईरान और तुर्की ने सीरिया के गृहयुद्ध में हस्तक्षेप किया, जिससे यह संघर्ष और जटिल हो गया.
सीरिया का आर्थिक ढांचा भी इस युद्ध से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. गृहयुद्ध और आर्थिक संकुचन के कारण, सीरिया में गरीबी की दर बहुत बढ़ गई है. लगभग 90% सीरियाई नागरिक गरीबी में जी रहे हैं और बेरोजगारी की दर बहुत उच्च स्तर पर है. सीरिया में पहले तेल उत्पादन आर्थिक आधार का हिस्सा था, जो युद्ध के कारण लगभग बंद हो चुका है, जिससे देश की आय में भारी कमी आई है. इसके अलावा बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसे बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाएं भी बड़ी समस्याएं पैदा कर रही हैं.
शरणार्थी संकट
सीरिया में गृहयुद्ध के दौरान गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं सामने आई हैं. सरकारी बलों और विद्रोहियों दोनों पर हत्या, अपहरण और यातनाओं के आरोप लगाए गए हैं. सीरिया में शरणार्थी संकट भी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, क्योंकि लाखों सीरियाई नागरिक युद्ध और हिंसा से बचने के लिए पड़ोसी देशों जैसे तुर्की, जॉर्डन और लेबनान में पलायन कर चुके हैं. फिलहाल सीरिया की हालात ठीक होते नजर नहीं आ रहे हैं.
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