किस साइड की आंख में से निकलती है आंसू की पहली बूंद? इससे खुलता है एक राज
जब भी हम बहुत ज़्यादा खुश होते हैं या बहुत दुखी होते हैं तो हमारी आंखों से आंसू की बूंदें गिरने लगती हैं, ऐसे में क्या कभी सोचा हैं कि आख़िर किस आंख से आंसू सबसे पहले गिरता है.
जब भी आप बहुत खुश होते होंगे या बहुत दुख की स्थिति में होंगे उस समय आपकी आंखों से आंसू की बूंद गिरने लगती हैं. ऐसे में क्या कभी सोचा है कि आख़िर आपकी आंखों से आंसू आते क्यों हैं और इसके पीछे की वजह क्या होती है. साथ ही जब भी हमें चोट लगती है या हम बहुत इमोशनल होते हैं तो हमारी आंखें क्यों रोने लगती हैं. चलिए आज इसके पीछे की वजह जानते हैं.
क्यों आंखों से आते हैं आंसू?
इंसानों में भावुकता के कारण आंसू बहते हैं, हालांकि इस बात का आजतक कोई खंडन नहीं कर पाया है. बीबीसी की एक रिपोर्ट में इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरोलॉजी में न्यूरोलॉजी के प्रोफ़ेसर माइकल ट्रिंबल के हवाले से बताया गया है कि जब कोई इंसान दुखी या बेहद खुशी होता है उस स्थिति में वो रोने लगता है, जिससे उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. इसके अलावा कई बार आंखों में इंफेक्शन की वजह से भी आंखों से पानी गिरने लगता है. इसके पीछे की वजह शरीर में होने वाले हार्मोनल चेंज बताई गई है, जिसमें एड्रनीलिन लेवल में बदलाव आदि शामिल है. इन हार्मोन्स में होने वाले बदलाव का सीधा असर आंखों पर होता है.
जिसकी वजह से आंखों में पानी आने लगता है. इसके अलावा आंसुओं की तीसरी श्रेणी यानी क्राइंग आंसू भावनात्मक प्रतिक्रिया के तौर पर आते हैं. जिसका कारण है कि हमारे मस्तिष्क में एक लिंबिक सिस्टम होता है. इसी में ब्रेन का हाइपोथैलेमस होता है, जो नर्वस सिस्टम से सीधे संपर्क में रहता है. इसी सिस्टम का न्यूरोट्रांसमीटर संकेत देता है और किसी भावना के एक्सट्रीम पर हम रो देते हैं.
कितने प्रकार के होते हैं आंसू?
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आंसुओं के भी प्रकार होते हैं. ये तीन प्रकार के होते हैं. सबसे पहले एलर्जी, इंफ़ेक्शन या आंखों में परेशानी होने के चलते आंसू आते हैं. जिन्हें वॉटरी आइए कहा जाता है. दूसरे आंसू वो होते हैं, जो तेज हवा या मौसम आदि की वजह से आंख में आते हैं, लेकिन तीसरे तरह के आंसू वो होते हैं, जिनका कारण हमारे रोने या भावनाओं से जुड़ा होता है.
किस आंख से पहले आता है आंसू?
अब सवाल ये उठता है कि आख़िर सबसे पहले आंसू आता किस आंख से है. बाल्टीमोर की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक रॉबर्ट प्रोवाइन की मानें तो भावुक होकर रोने के पीछे हार्मोंस काम करते हैं. रॉबर्ट प्रोवाइन के अनुसार, हंसने में दिमाग का जो हिस्सा सक्रिय होता है, रोने पर भी वही हिस्सा सक्रिय होता है.
उनके अनुसार, लगातार हंसने या रोने की स्थिति में दिमाग की कोशिकाओं पर तनाव की स्थिति ज्यादा होती है, ऐसे में शरीर में कॉर्टिसोल और एड्रिनालाइन नामक हार्मोंस का स्त्राव होता है. यही हार्मोंस हंसते या रोते वक्त शरीर में होने वाली विपरीत प्रतिक्रिया के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. इसके अलावा हंसने और रोने में आने वाले आंसू तो एक ही होते हैं, लेकिन उसके पीछे रोचक तथ्य ये है कि जो खुशी का पहला आंसू होता है वो दाहिनी आंख से आता तो वहीं दुःख का पहला आंसू बायीं आंख से आता है.
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