दिल्ली में 8-10 सितंबर को ऐसा क्या हो रहा है कि स्कूल-कॉलेज, बैंक, बाजार सब बंद है!
G20 Summit 2023 Schedule: अगले महीने 8 से 10 सितंबर के बीच दिल्ली में पब्लिक हॉलिडे घोषित किया गया है, जिसकी वजह से दिल्ली में स्कूल-कॉलेज, बाजार आदि बंद रहेंगे.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले महीने 8 से 10 सितंबर के बीच सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है. सरकार की ओर से की गई इस घोषणा के बाद अब इन दिनों तक कई दफ्तर, स्कूल-कॉलेज, बाजार बंद रहेंगे. इसके साथ ही सरकार की ओर से खास ट्रैफिक रूट भी तैयार किया गया है, जिस वजह से कई रास्तों पर आम लोगों के जाने की मनाही रहेगी. नई ट्रैफिक व्यवस्था की वजह से बसों के रूट भी प्रभावित भी सकते हैं. छुट्टी के ऐलान के बाद से दिल्ली में इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है.
ऐसे में सवाल है कि आखिर 8-10 सितंबर के बीच दिल्ली में क्या होगा, जिस वजह से ऐसा हो रहा है. साथ ही जानते हैं कि इन तीन दिनों में सरकार की ओर से कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिस वजह से दिल्ली पर कई चीजों की मनाही की गई है.
क्या है दिल्ली में?
बता दें कि इस बार भारत जी-20 समिट का मेजबान देश है और इस बार भारत इसकी अध्यक्षता कर रहा है. इस वजह से भारत की ओर से इस समिट की मेजबानी की जा रही है. दिल्ली में प्रगति मैदान के स्टेट ऑफ आर्ट कंवेंशन कॉप्लेक्स में 9 और 10 सितंबर को G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा. इस सम्मेलन में जी-20 के कई हेड ऑफ स्टेट के अलावा कई हस्तियां भारत आएंगी. इस वजह से इस इवेंट को बेहद खास माना गया है और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए दिल्ली में छुट्टी का ऐलान किया गया है.
क्या है जी-20?
जी-20 दुनिया के 20 देशों का समूह है. जी-20 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किए, यूनाईटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ यूरोपीय संघ भी शामिल है. ये 20 देशों की दुनियाभर में वैश्विक व्यापार में करीब 75 फीसदी हिस्सेदारी है और दुनिया की कुल जीडीपी में 85 फीसदी हिस्सा है इन देशों का है.
इसके अलावा ये देश दुनिया की जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं. भारत पहली बार इसका आयोजन कर रहा है. इस समिट में जी-20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर चर्चा करते हैं. पहले यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था, अब ये टॉप लीडर्स के संगठन के रुप में शामिल हो गया है.
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