G20 Summit 2023: G20 शिखर सम्मेलन शुरू होने में अब 24 घंटे से भी कम समय बचे हैं. भारत ने विदेशी ज़मीन से आने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए जमीनी और ऑनलाइन दोनों ही स्तरों पर अपने सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं. सरकार ने चीन और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले साइबर खतरों के मद्देनजर सरकारी वेबसाइटों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के आसपास साइबर सुरक्षा उपाय भी बढ़ा दिए हैं. एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि एजेंसियां चीन और पाकिस्तान के साइबर योद्धाओं पर नजर रखने के लिए ओवरटाइम काम कर रही हैं जो जी20 से पहले भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने साइबर खतरों को ध्यान में रखते हुए सरकारी वेबसाइटों सहित अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के आसपास सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया है.


जीरो ट्रस्ट मॉडल?


भारत ने जीरो ट्रस्ट मॉडल लागू की है, जो शिखर सम्मेलन से पहले सभी भाग लेने वाले होटलों में सभी आईटी संपत्तियों की निरंतर निगरानी को अनिवार्य करती है. इसके तहत प्राइवेट नेटवर्क तक पहुंचने वाले प्रत्येक डिवाइस और व्यक्ति को वैलिड सर्टिफिकेशन और ऑथराइजेशन की आवश्यकता होगी. मॉडल यह भी कहता है कि किसी भी व्यक्ति या डिवाइस को संसाधनों तक पहुंचने के लिए तब तक विश्वसनीय नहीं माना जाता जब तक कि उनकी पहचान और ऑथराइजेशन की पुष्टि नहीं हो जाती. इसलिए यह ट्रस्ट लेकिन वेरिफाई और नेवर ट्रस्ट लेकिन वेरिफाई के नियम को फॉलो करने का आदेश देती है. जरूरी बुनियादी ढांचे के अलावा उन 28 होटलों में भी अलर्ट का लेवल बढ़ा दिया गया है जहां वीवीआईपी और प्रतिनिधि ठहरेंगे. आईटीसी मौर्या में साइबर दस्ते तैनात किए गए हैं, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन रहेंगे. यह व्यवस्था गृह मंत्रालय में एक बैठक के बाद की जा रही है जहां सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान साइबर हमलों के इतिहास पर चर्चा की गई.


बैंकिंग और वित्त क्षेत्र अलर्ट पर


गृह मंत्रालय (एमएचए) ने जी20 शिखर सम्मेलन के लिए बैंकिंग और फाइनेंस क्षेत्र को लक्षित करने वाले हैकर समूहों के संबंध में सभी बैंकों को एक सलाह जारी की है. मंत्रालय ने इस क्षेत्र को दुर्भावनापूर्ण खतरे के प्रति आगाह किया है और उनसे ऐसे प्रयासों के लिए अपने आईटी बुनियादी ढांचे की बारीकी से निगरानी करने को कहा है. एमएचए की सलाह में कहा गया है कि इसके मद्देनजर बैंकों से अनुरोध है कि वे ऐसे प्रयासों के लिए अपने आईटी बुनियादी ढांचे की बारीकी से निगरानी करें क्योंकि आने वाले दिनों में खतरों के तेज होने की संभावना है.


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