प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के बाली में हुई जी-20 समिट में हिस्सा लिया. इस दौरान पीएम मोदी ने जी-20 देशों के कई राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात भी की. जी-20 में सबसे खास बात ये रही कि जी-20 देशों ने पीएम मोदी के रूस-यूक्रेन युद्ध पर दिए बयान को अपना समर्थन दिया. इसके साथ ही भारत को जी-20 समिट की अध्यक्षता सौंपी गई, जिसे काफी ऐतिहासिक माना जा रहा है. जी-20 समिट से पीएम मोदी की कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें एक तस्वीर खास है. इस तस्वीर में पीएम मोदी अपने एक हाथ में एक हथोड़ा उठाए नजर आ रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि आखिर ये हथोड़ा क्या है और सिर्फ पीएम मोदी ने ही ये क्यों उठाया हुआ है. ऐसे में आपको बताते हैं कि आखिर ये क्या है और इस हथोड़े के पीछे की क्या कहानी है...


कहां की है ये तस्वीर?


सबसे पहले जानते हैं कि ये तस्वीर कहां की है. दरअसल, ये तस्वीर जी-20  समिट की है और तस्वीर उस दौरान की है, जब भारत को जी-20 देशों की अध्यक्षता सौंपी जा रही थी. इस तस्वीर में पीएम मोदी के साथ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति Joko Widodo नजर आ रहे हैं. 


पीएम मोदी के हाथ में क्या है?


पीएम मोदी के हाथ में एक हथोड़े जैसी एक रेप्लिका दिखाई दे रही है. दरअसल, ये ब्राउन मालेट है. मालेट भी एक तरह का हथोड़ा ही होता है, जो अक्सर लोहे का मना होता है. ऐसे ही हथोड़े का इस्तेमाल कोर्ट में जज की ओर से किया जाता है. ये मालेट एक पावर को दिखाता है यानी इसके हाथ में ये है उसके हाथ में नेतृत्व की जिम्मेदारी है. 


क्या है इसकी कहानी?


जी 20 समिट में इंडोनेशिया ने एक साल के लिए भारत को जी-20 की अध्यक्षता सौंप दी है. अब भारत इन देशों का नेतृत्व करेंगे और अगले साल जी-20 समिट का मेजबान भी भारत होगा. बता दें कि जी-20 समिट में जब एक देश, दूसरे देश को प्रेसिडेंसी ट्रांसफर करता है तो पहले उस देश का राष्ट्राध्यक्ष उसका ऐलान करता है और उसके बाद ये हथोड़ा आगामी मेजबान को सौंप देता है.


ऐसे में जब भारत को अध्यक्षता दी गई तो इसे मालेट को पीएम मोदी को सौंप दिया गया. जिस देश के पास इसकी अध्यक्षता रहती है, उसके पास ये हथोड़ा रहता है और एक साल बाद जब अध्यक्षता ट्रांसफर की जाती है तो उसे भी दूसरे देश को सौंप दिया जाता है. इसे प्रेसेडेंसी की सिंबल माना जाता है. 


जिस तरह एक साल से जी-20 की कमान इंडोनेशिया के हाथ में थी, उसी तरह अब भारत के हाथ में अध्यक्षता होगी. ऐसे में एक साल बाद ये मालेट भी भारत के पास आ गया है. बताया जा रहा है कि आजादी के 75वें साल में मिली इस अध्यक्षता को मोदी सरकार बड़े पैमाने पर मनाने जा रही है. 


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