G20 Summit Safe House: दिल्ली में जी-20 के लिए बनाए गए हैं सेफ हाउस, जानिए अटैक की स्थिति में कैसे आएंगे काम
G20 Summit Safe House: दिल्ली में जी-20 को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो गई है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं. आइए सेफ हाउस के बारे में जानते हैं.
G20 Summit Safe House: इंडियन सिक्योरिटी ग्रिड जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और विभिन्न विदेशी एजेंसियों की मदद से एक डिटेल आकस्मिक प्लान (Detail Contingency Plan) तैयार किया गया है. कई सेफ हाउस भी बनाए गए हैं, जिसकी मदद से मेहमानों को आपात स्थिति में सुरक्षा दी जाएगी. उन सेफ हाउसेज में हेलीपैड के साथ कमांडो को स्टैंडबाय पर रहने का आदेश दिया गया है. अंग्रेजी वेबसाइट न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, रडार, जैमर और आवश्यक हथियार लुटियंस दिल्ली में बने सेफ हाउस में रखे गए हैं. सबसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस कमांडो किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम होंगे और हमले की स्थिति में वीवीआईपी के लिए उपयुक्त रास्ता सुनिश्चित करेंगे.
अटैक की स्थिति में कैसे काम आएंगे सेफ हाउस?
यदि ऐसी स्थिति सामने आती है, तो कुछ ही मिनटों में बाहर निकालने की व्यवस्था कर ली जाएगी और टीमें वीवीआईपी को होटलों और आयोजन स्थलों के करीब बने सेफ हाउस में ले जाएंगी. हाल ही में विभिन्न विदेशी नेताओं के सुरक्षाकर्मियों ने भी जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों का निरीक्षण किया था. विदेशी टीमों ने भारतीय एजेंसियों को कुछ बदलावों का सुझाव भी दिया था, जिसमें तुरंत सुधार कर लिया गया था. स्पेशल फोर्सेज की अलग-अलग टीमें हवाई घुसपैठ के लिए उपलब्ध रहेंगी और किसी भी आपात स्थिति के मामले में सुरक्षित बाहर निकालने के तरीकों की देखभाल करेंगी. एंटी ड्रोन टीम और अन्य एजेंसियां आपस में बातचीत कर विदेशी नेताओं की सुरक्षा के लिए काम करेंगे.
NSG को मिली है जिम्मेदारी
पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है. NSG के पास आतंकवाद विरोधी, तोड़फोड़ विरोधी, ड्रोन विरोधी कार्यों, घरेलू हस्तक्षेप, स्नाइपर्स और रासायनिक हमलों से निपटने वाली बेस्ट टीमें होती है. 9-10 सितंबर तक दिल्ली में आयोजित हो रहे G20 शिखर सम्मेलन के लिए बम निरोधक दस्ते भी स्टैंडबाय पर रहेंगे. NSG को भारत का सबसे ताकतवर फोर्स माना जाता है. इसकी टीमें अलग-अलग एजेंसियों के साथ बातचीत कर काम करेंगी.
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