खाने के स्वाद को बढ़ाना हो या फिर शरीर की कई बीमारियों को ठीक करना हो. लहसुन हर चीज के लिए बेस्ट माना जाता है. हालांकि, वर्षों से इसे लेकर एक बहस चली आ रही है कि लहसुन सब्जी है या फिर मसाला. आज मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने इस बहस को खत्म कर दिया और इसका जवाब दे दिया.


क्या है पूरा मामला


ये बहस आज की नहीं है बल्कि साल 2015 की है. दरअसल, साल 2015 में कुछ किसान संगठनों के अनुरोध को देखते हुए लहसुन को सब्जी की कैटगरी में डाल दिया गया था. लेकिन बाद में कृषि विभाग ने इस आदेश को रद्द करते हुए, लहसुन को फिर से मसाले का दर्जा दे दिया था. कृषि विभाग ने इसके पीछे दलील दी कि कृषि उपज बाजार समिति अधिनियम, 1972 में लहसुन को मसाला बताया गया है. लेकिन किसान संगठनों को ये बात रास नहीं आई और उन्होंने साल 2017 में फिर से इस मामले को रिव्यू पिटिशन कोर्ट में दायर कर दी. अब 9 साल बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने इस पर अपना फैसला सुनाया है.


हाईकोर्ट ने क्या कहा


मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने इस फैसले में 2015 वाले फैसले को ही बरकरार रखा और लहसुन को सब्जी करार दिया. यानी अब लहसुन फिर से सब्जी की लिस्ट में आ गया है. जबकि, कृषि विभाग ने इसे मसाले की श्रेणी में रखा था. खैर, अब देखना ये होगा कि क्या कृषि विभाग इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाता है या इसे सब्जी मान कर मामले को शांत कर देता है.


लहसुन भारत आया कहां से


एनआईएच की रिपोर्ट के अनुसार, लहसुन को लेकर कहा जाता है कि यह भारत मध्य एशिया यानी आज के ईरान, तुर्कमेनिस्तान, और उज़्बेकिस्तान के आसपास के क्षेत्रों से आया. वहीं कुछ इतिहासकार कहते हैं कि लहसुन सबसे पहले पश्चिमी चीन के पास स्थित तियान शान पर्वत पर पाया गया और फिर यहीं से वह भारत और पूरी दुनिया में पहुंचा.


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