इस देश में वेतन के रूप में मिलता था लहसुन, जानें इसके पीछे का कारण
देश में लहसून का दाम लगातार तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा भी देश था, जो सैलरी के रूप में लहसून देता था. जानिए इसके पीछे की वजह.
भारतीय बाजार में लहसुन का भाव आसमान छू रहा है. ज्यादातर घरों में लहसून के बिना सब्जी नहीं बनती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा भी देश था, जो अपने कर्मचारियों को वेतन के रूप में लहसून देता था. आज हम आपको उस देश और उसके पीछे की वजह बताएंगे.
सबसे पहले लहसुन की खेती
लहसुन की खेती सबसे पहले 5,000 साल पहले भूमध्य सागर के तट पर सुमेरियों ने की थी. जानकारी के मुताबिक यह कैस्पियन सागर के पूर्वी मैदानों से आया था. वहीं भारत में लहसुन की खेती हजारों साल पहले मध्य एशिया से आई थी. इतिहास के मुताबिक भारत में 4500 सालों से लहसुन का उपयोग हो रहा है. भारत में लहसुन के बीज सिन्धु घाटी के फरमाणा में हड़प्पा काल में 2600-2200 ईसा पूर्व के बीच पाए गए थे.
वेतन के रूप में लहसुन
मिस्र में तूतनखामुन की कब्र में 1325 ईसापूर्व में लहसुन पाया गया था. जिसे अच्छी तरह से संरक्षित करके रखा गया था. बता दें कि लहसुन का उपयोग 7,000 वर्षों से अधिक समय से औषधीय पौधे और खाद्य स्रोत के रूप में किया जाता है. इतना ही नहीं पिरामिड बनाने वाले श्रमिकों और दासों के बीच यह इतना लोकप्रिय था कि लहसुन की कमी के कारण काम रुक गया था. इतिहास में इसका जिक्र है कि मिस्र में पिरामिड बनाने वाले श्रमिकों के बीच इसे वेतन के रूप में भी दिया जाता था. इसके अलावा ग्रीक ओलंपियनों से लेकर नीरो के अधीन रोमन ग्लेडियेटर्स तक के एथलीटों के बारे में कहा जाता है कि वो अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए लहसुन खाते थे.
बता दें कि लहसुन की खासियतों का पता हजारों साल पहले ही चल चुका था. यही कारण है कि चौथी सहस्राब्दी ईसा पूर्व इसकी खेती तरीके से होनी शुरू हो चुकी थी. लहसुन के सबसे पुराने अवशेष 4000 ईसा पूर्व (मध्य ताम्रपाषाण काल ) इजरायल में ईन गेदी की एक गुफा से मिलते हैं. मिस्र में इसे बहुत कीमती चीज समझा जाता था. शायद यही कारण है कि मिस्र में जो ममी बनाई जाती थीं, उसमें उनके साथ लहसुन को भी संरक्षित करके रख देते थे. बता दें कि ऐतिहासिक दस्तावेज़ों में इसका सबसे पहला संदर्भ अवेस्ता से मिलता है, जो छठी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान संकलित पारसी पवित्र लेखों का एक संग्रह है.
चीन में सबसे ज्यादा खेती
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा लहसुन चीन में पैदा होता है. बता दें कि चीन वो पूरी दुनिया में पैदा होने वाले कुल लहसुन का 73.8 फीसदी पैदा करता है और इसे दुनियाभर में बेचता भी है. भारत इसके उत्पादन में 10.4 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर है तो बांग्लादेश 1.7 प्रतिशत के साथ तीसरे नंबर पर है. वर्ष 2021 में चीन ने 20.45 मिलियन टन से अधिक हरे लहसुन का उत्पादन किया था. चीनी लहसुन की खास बात ये है कि इनकी कलियां भारतीय लहसुन की तुलना में चौगुनी मोटी होती हैं.
भारत के इन राज्यों में होती है खेती
भारत में लहसुन का उत्पादन पिछले 25 सालों में 2.16 लाख टन से बढ़कर 8.34 लाख टन हो गया है. देश में मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं. लेकिन हकीकत ये है कि देश में जितने लहसुन की खपत है, उसकी तुलना में हम इसे कम पैदा करते हैं. इसी वजह से ये बाजार में लगातार महंगी भी होती गई है. इसका 50 प्रतिशत से भी ज्यादा उत्पादन गुजरात और मध्यप्रदेश राज्यों में होता है.
चिकित्सा के लिए उपयोग
लहसुन का उपयोग मिस्र, जापान, चीन, रोम और ग्रीस जैसी विभिन्न संस्कृतियों में पारंपरिक चिकित्सा के लिए किया जाता रहा है. हरा लहसुन भोजन में तीखापन छोड़कर लहसुन का स्वाद और सुगंध प्रदान करता है. हरे लहसुन को अक्सर दक्षिण पूर्व एशियाई (यानी वियतनामी , थाई , म्यांमार , लाओ , कम्बोडियन , सिंगापुरी ) और चीनी कुकरी में काटा और तला जाता है. इसके अलावा मध्य पूर्वी और अरबी खाना पकाने में लहसुन जरूरी है.
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