General Election 2024: पूरे देश में इस दिनों आम चुनाव के चलते सियासी माहौल गर्म है. इन दिनों हर नेता की कड़ी परीक्षा चल रही है. नेता चुनाव में जीतने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं. कई जगहों पर मुकाबला कड़ा नजर आता है, ऐसे में कई बार मतदाता भी कैंडिडेट्स में बंट जाते है. ऐसे में कभी सोचा है कि क्रिकेट की तरह यहां भी कभी मैच ड्रॉ हो जाए तो क्या होगा? आसान भाषा में कहें तो क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है कि यदि चुनाव में दो कैंडिडेट्स को बराबर वोट मिल जाएं तो रिजल्ट कैसे निकाला जाता है? चलिए आज हम इसका गणित आपको बताते हैं.
क्या कहता है नियम?
चुनाव में ऐसी भी संभावना रहती है कि दो प्रत्याशियों को बराबर वोट मिल सकते हैं. ऐसे में रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट के सेक्शन 65 के अनुसार, अलग-अलग पदों के लिए हो रही मतगणना के दौरान दो प्रत्याशियों को एक समान वोट मिल जाते हैं तो बराबर वोट मिलने पर लॉटरी एक ऐसा विकल्प होगा, जिससे विजेता घोषित किया जाएगा.
लॉटरी निकालने अधिकार वहां मौजूद रिटर्निंग ऑफिसर के पास होता है. लॉटरी सिस्टम में जिन उम्मीदवारों को बराबर के वोट मिले हैं उनके नाम वाली पर्चियों को एक बॉक्स में रखा जाता है. फिर बॉक्स को हिलाने के बाद, रिटर्निंग ऑफिसर उसमें से एक पर्ची निकालता है. जिस भी उम्मीदवार के नाम की पर्ची निकलती है, उसके नाम एक अतिरिक्त वोट मान लिया जाता है. इस तरह लॉटरी के जरिए एक वोट बढ़ने पर दो में से एक उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया जाता है.
कभी पड़ी है लॉटरी निकालने की जरुरत?
भारत में कई बार लॉटरी के जरिए चुनावों में विजेता घोषित किया गया है. साल 2018 में सिक्कम के पंचायत चुनाव में 6 सीटों सिक्का उछालकर विजेता घोषित किया गया था. दरअसल इन सभी सीटों पर विजेताओं में बराबर की स्थिति थी.
इसके अलावा फरवरी 2017 में भी बीएमसी के चुनाव में ऐसा मामला देखा गया था, जहां भाजपा उम्मीदवार अतुल शाह और शिवसेना के सुरेंद्र के बीच बराबर की स्थिति थी. इस चुनाव में दोनों मतदाताओं को बराबर वोट मिले थे. इनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए दो बार और मतगणना की गई. हालांकि फिर भी स्थिति समान रही. ऐसे में लॉटरी सिस्टम के जरिए अतुल शाह विजेता रहे थे.