General Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल किया. ये तीसरी बार है जब पीएम मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. हालांकि उनके नामांक की तस्वीर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो एक चीज थी जो खासी चर्चाओं में थी, वो पीएम मोदी के साथ सभी का खड़े होना सिवाय उनके सामने बैठे अधिकारी है.
कौन था पीएम मोदी के सामने बैठा ऑफिसर?
पीएम मोदी जब नामांकन का पर्चा भरने के लिए खड़े थे तो उनके आसपास को लोग भी खड़े थे, लेकिन एक अफसर था जो पूरे समय उनके सामने बैठा रहा. ये अधिकारी रिटर्निंग ऑफिसर हैं. जो पीएम मोदी ही नहीं बल्कि किसी के भी सामने खड़े नहीं होते.
क्यों किसी के भी सामने खड़े नहीं होते रिटर्निंग ऑफिसर?
रिटर्निंग ऑफिसर किसी भी व्यक्ति के सामने खड़े नहीं होते, जिसकी वजह प्रोटोकॉल है. बता दें चुनाव के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर उस जिले का मुख्य चुनाव अधिकारी होता है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति नामांकन भरने आया हो, चाहे वो प्रधानमंत्री ही क्यों न हो, रिटर्निंग ऑफिसर बैठे रहते हैं. प्रोटोकॉल यही होता है.
रिटर्निंग ऑफिसर एकमात्र ‘लीगल अथॉरिटी’ होता है, जिन पर किसी का आदेश नहीं चलता.
कैसे मिलती है ये पोस्ट?
जनप्रतिनिधि कानून की धारा 21 और 22 के तहत चुनाव आयोग हर सीट पर एक रिटर्निंग ऑफिसर और एक असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति करता है. रिटर्निंग ऑफिसर वो होता है जिसपर गजट नोटिफिकेशन जारी करने से लेकर नतीजे आने के बाद जीते उम्मीदवारों को सर्टिफिकेट जारी करने की जिम्मदारी होती है.
अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये पोस्ट मिलती कैसे है? तो बता दें कि आमतौर पर रिटर्निंग ऑफिसर कलेक्टर या मजिस्ट्रेट ही होते हैं. वो ही चुनाव लड़ रहे उम्मीद्वारों को चुनाव चिन्ह अलॉट करते हैं और उनके एफिडेविट पब्लिश करते हैं. इसके अलावा भी उनके कई काम होते हैं, कुलमिलाकर देखा जाए तो रिटर्निंग ऑफिसर के जरिए ही चुनाव आयोग अच्छी तरह से चुनाव करवा पाता है.
यह भी पढ़ेें: क्या होता है कोल्ड लावा, ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा से कितना अलग होता है?