General Knowledge: ईश्वर के प्रकोप से नहीं बल्कि इसलिए फटता है ज्वालामुखी, जानिए इसका वैज्ञानिक कारण
ज्वालामुखी प्रक्रिया को लेकर भी बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें इसका वैज्ञानिक कारण नहीं पता है.वो इसे ईश्वर का प्रकोप मानते हैं.
Cause of Volcanism: धरती पर होने वाली तमाम प्राकृतिक घटनाओं के बारे में जानने की लोगों में उत्सुकता होती है. उसी उत्सुकता का जब तर्क और वैज्ञानिक तरीके से समाधान नहीं होता तो लोग उसका कारण किसी अदृश्य शक्ति को मान लेते हैं. सुनामी,ज्वालामुखी फटना,जमीन का धंसना और भूकंप जैसी तमाम प्राकृतिक घटनाओं के होने के पीछे का कारण लोगों को पता नहीं होता. वो इसे ईश्वर का प्रकोप समझते हैं.
ज्वालामुखी प्रक्रिया को लेकर भी बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें इसका वैज्ञानिक कारण नहीं पता है. वो इसे ईश्वर का प्रकोप मानते हैं. लेकिन अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस बात की तर्कों और वैज्ञानिक तथ्यों के साथ जानकारी देंगे कि आखिर ज्वालामुखी प्रक्रिया क्यों होती हैं-
जमीन के अंदर क्या होता है-
-जमीन के अंदर जैसे-जैसे गहराई में जाते हैं तो तापमान बढ़ता चला जाता है. एक समय आता है कि जमीन के अंदर मौजूद चट्टानें गर्म होकर गल जाती हैं और तरल हो जाती हैं. चट्टानों की इस अवस्था को जमीन के अंदर "मैग्मा' कहते हैं.
- जमीन के अंदर रेडियोएक्टिव तरंगें भी निकलती हैं.इसकी वजह से भी तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और चट्टानें (खासकर पेरीडोटइड नाम की) पिघलकर तरल हो जाती हैं.
-इसके अलावा जमीन में चट्टानें स्थिर या एक ही जगह रुकी हुई ना होकर गतिशील अवस्था में हैं. ऐसे में जब दो चट्टानें आपस में टकराती हैं तो उससे भी उनका निचला हिस्सा पिघलकर तरल हो जाता है और मैग्मा बन जाता है.
- कई बार चट्टानें आपस में न टकराकर विपरीत दिशा में जाती हैं. जिससे चट्टानों के बीच में दरार बन जाती है,तापमान के कारण मैग्मा दबाव मुक्त होने के चलते एकदम से ऊपर की ओर उठता है.
कैसे फटता है ज्वालामुखी-
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि जमीन के अंदर कैसे बहुत गर्मी और दूसरे कारणों से चट्टानें पिघल जाती हैं. जिसके चलते मैग्मा बनता है. विज्ञान का एक बहुत ही सामान्य सा सिद्धांत है कि किसी भी चीज को जब बहुत गर्म करते हैं तो वह ऊपर उठती है. जैसे कि पानी को गर्म करने पर भाप बनकर ऊपर उठता है,जैसे दूध गर्म करने पर बर्तन से ऊपर उठता है ठीक वैसे ही मैग्मा भी गर्म होने की वजह से ऊपर की ओर उठता है.
इसके अलावा जब चट्टान विपरीत दिशा में जाती है उस स्थिति में दबाव कम हो जाता है और तब भी मैग्मा ऊपर की ओर उठा है. यही मैग्मा दरारों से या चट्टानों को तोड़कर धरती के बाहर आता है और ऐसे ज्वालामुखी प्रक्रिया होती है. मैग्मा को जमीन के अंदर जहां 'मैग्मा' ही कहते हैं,वहीं जब वह जमीन के बाहर ज्वालामुखी प्रक्रिया में निकलता है तो उसे 'लावा' कहते हैं.
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