District Magistrate responsibilities: जिलाधिकारी के रुतबे और कामों को देखकर लोग इस पद के बारे में जानने में हमेशा दिलचस्पी रखते हैं. देश में लाखों युवा जिलाधिकारी बनने के लिए सिविल सेवा की परीक्षा देते हैं. बहुत से लोग इस पद में रुतबे की वजह से दिलचस्पी रखते हैं. लेकिन जिलाधिकारी का पद रुतबे का ही पद नहीं है ,उसके कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां होती हैं.


इस पद से संबंधित कामों और जिम्मेदारियों के बारे में बहुत से सिविल सेवा की तैयारी करने वालों को भी सामान्य जानकारी नहीं होती. अपने इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको जिलाधिकारी की शक्तियां,कार्यों और जिम्मेदारी के बारे में बताएंगे-


जिलाधिकारी के बारे में-


जिला अधिकारी या जिला मजिस्ट्रेट को ही सामान्य तौर पर संक्षेप में डीएम कहा जाता है. जिस जिले में यह तैनात होता है उस जिले का वह मुख्य अधिकारी होता है. जिला मजिस्ट्रेट पद का सृजन 1772 में वारेन हेस्टिंग द्वारा नागरिक प्रशासन चलाने और भू-राजस्व वसूल करने के लिए किया गया था. इसको भूमि राजस्व वसूल करना, भूमि का पंजीकरण, जोतों के बंटवारे, विवादों का निपटारा, कानून व्यवस्था बनाये रखने और अन्य तरह के काम सौंपे गए. वह पुलिस और अधीनस्थ न्यायालयों के निरीक्षण के लिए भी अधिकृत था.


वर्तमान समय में डीएम एक आई.ए.एस. अधिकारी होता है. जो सिविल सेवा परीक्षा में चयन होकर आता है. हर साल संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल सर्विस की परीक्षा का आयोजन किया जाता है. इस एग्जाम के द्वारा विभिन्न सेवाओं के लिए अभ्यर्थियों को चुना जाता है जिसमें से एक आई.ए.एस. का पद भी होता है.


जिलाधिकारी के कार्य और जिम्मेदारियां-


-जिलाधिकारी जिले का सर्वोच्च अधिकारी होता है.वह जिले में प्रशासनिक व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिम्मेदार होता है. हालांकि सभी राज्यों में  डीएम की जिम्मेदारी एक जैसी नहीं होती है.


- चुनावों के समय जिलाधिकारी जिले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी होता है.


- जिलाधिकारी लगभग सभी विभागों का जिले में प्रमुख होता है.


 -पुलिस और जेलों का निरीक्षण करना.


-सरकार के समक्ष अपराध का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करना.


-जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी.


-इसे अधीनस्थ कार्यकारी मजिस्ट्रेटों के निरीक्षण का भी कार्य सौंपा गया है.


- मंडल आयुक्त को जिले से सम्बंधित सभी मामलों से अवगत कराना.


-मृत्यु दंड से सम्बंधित कार्यो को प्रमाणित करना भी जिला अधिकार की जिम्मेदारी होती है.


अन्य कार्य-


वह जिले के कलेक्टर के रूप में, डिप्टी कमिश्नर के रूप में, मुख्य विकास अधिकारी,मुख्य प्रोटोकॉल अधिकारी की भी भूमिका निभाता है. ऐसे ही बहुत से कार्यो का निष्पादन जिला अधिकारी द्वारा किया जाता है.


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