How Mosquitoes Find Us: मच्छरों की भिनभिनाहट अक्सर रात में हमारी नींद खराब कर देती है. हम अलग-अलग तरीकों से मच्छरों से निपटने की कोशिश करते हैं. जब तक लगाई गई अगरबत्ती या दवा का असर रहता है मच्छर छिपे रहते हैं और असर खत्म होते ही कान के पास आकर फिर से भिनभिनाना और जहां-तहां काटना शुरू कर देते हैं.
कितना भी अंधेरा हो मच्छर अपने शिकार को ढूंढ ही लेते हैं. जिस धुप्प अंधेरे में हमारा एक हाथ दूसरे हाथ को न ढूंढ पाए उसमें भी आखिर कैसे मच्छर हमें ढूंढ लेते हैं यह सवाल कभी न कभी आपके जेहन में जरूर आया होगा. अपने इस आर्टिकल के जरिए आपके इसी सवाल का जवाब देंगे-
अंधेरे में ऐसे ढूंढ लेते हैं मच्छर-
मच्छरों की हम तक पहुंच के कारण भी खुद हम ही होते हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी लेकिन यह सच है.असल में हमारी सांसों के जरिए निकलने वाली कार्बन-डाई-ऑक्साइड ऑक्साइड गैस और हमारे शरीर की गंध इसके लिए जिम्मेदार है.
इसकी गंध से मच्छरों खासकर मादा मच्छर को हमारी जानकारी मिलती है और वो हमारा खून चूसने आ जाते हैं.हमारे शरीर और कार्बन-डाई-ऑक्साइड की गंध के अलावा शरीर के पसीने में आने वाली गंध भी मच्छरों को हमारी तरफ खींचती है. जिसका नतीजा यह होता है कि हमें काटने के साथ ही हमारी नींद में भी खलल डालते हैं.
सिर्फ मादा मच्छर चूसती है खून-
आपको यह जानकारी आश्चर्यजनक लगेगी लेकिन यह सच है.हमें असल में सिर्फ मादा मच्छर ही काटता है या कहें कि नर मच्छर हमें नहीं काटता.इसके लिए काटना शब्द बोलने से बेहतर है खून चूसना. यानी मादा मच्छर अपनी सुई जैसी लंबी नली को हमारे शरीर में चुभाकर खून चूसती है.
मच्छरों से होती हैं कई बीमारियां-
मच्छर कई तरह की बीमारियां फैलाते हैं जैसे कि मलेरिया,डेंगू बुखार वगैरह. इससे बचने के लिए जरूरी है कि घर की साफ-सफाई रखें और रुका हुआ पानी इकट्ठा न होने दें. इससे मच्छर जनित बीमारी से आप बचे रहेंगे.