General Knowledge: मणिपुर में दुनिया का सबसे ऊंचा पुल बना रहा है इंडियन रेलवे, कुतुब मीनार से भी दोगुनी होगी ऊंचाई
Noni Bridge: यह न सिर्फ कुतुब मीनार से दोगुना ऊंचा होगा बल्कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भी होगा. इसका निर्माण बेहतरीन इंजीनियरिंग तकनीक के जरिए किया जा रहा है.
Noni Railway Bridge: भारतीय रेलवे मणिपुर में एक ऐसे पुल का निर्माण कर रहा है जो न सिर्फ दिल्ली स्थित कुतुब मीनार से दोगुना ऊंचा होगा बल्कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भी होगा. इसका निर्माण बेहतरीन इंजीनियरिंग तकनीक के जरिए किया जा रहा है.
निर्माण पूरा होने के बाद सरीबाम-इम्फाल रेलवे लाइन पर बनने वाला यह नोनी ब्रिज मणिपुर में अभूतपूर्व कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
इतनी होगी ऊंचाई-
नोनी ब्रिज कुतुब मीनार से दोगुना ऊंचा होगा. इसकी ऊंचाई 141 मीटर होगी जो कि 34 मंजिला इमारत की ऊंचाई के लगभग बराबर है. साथ ही इसकी लंबाई 703 मीटर रखी गई है. यह 111 किलोमीटर लंबी जिरीबाम-इम्फाल रेल परियोजना का हिस्सा है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल होगा.
होगा ये फायदा-
नोनी पुल का निर्माण पूरा होने के बाद जिरीबाम-इम्फाल रेलवे के जरिए असम से इंफाल तक की यात्रा का समय 10-12 घंटे से घटकर 2.5 घंटे हो जाएगा. फिलहाल इस घाटी को पार करने के लिए 220 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. इसके निर्माण की वजह से यात्रा में लगने वाला समय और दूरी दोनों कम हो जाएंगे.
पूरा हो चुका है 75 प्रतिशत काम-
नोनी ब्रिज के निर्माण का 75 प्रतिशत तक काम पूरा हो चुका है. इस पुल का निर्माण नोनी शहर के पास मरांगचिंग गांव में इजाई नदी पर किया जा रहा है. यह इंफाल से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है.
इतनी लागत से बन रहा है नोनी ब्रिज-
नोनी ब्रिज के निर्माण में बेहद कुशल कारीगर लगे हुए हैं. अपने निर्माण के बाद यह निश्चित ही बेहतरीन इंजीनियरिंग का एक शानदार नमूना होगा. भारतीय रेलवे कुशल और निरंतर निर्माण सुनिश्चित करने के लिए स्लिप-फॉर्म तकनीक का उपयोग कर रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोनी ब्रिज का निर्माण 374 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है. रेलवे ने इसके निर्माण को पूरा करने की समय सीमा दिसंबर 2023 तक रखी है.