liquor policy: शराब का ठेका कैसे मिलता है? इसके लिए किन नियमों से गुजरना पड़ता है
शराब के व्यवसाय को लेकर जगह और पीने संबंधी कुछ जरूरी पाबंदियां और नियम होते हैं. किसी शिक्षण संस्थान से एक निश्चित दूरी तक शराब का ठेका खोलने पर पाबंदी होती है.
Rules related to liquor business: देश की राजनीति दिल्ली में नई शराब नीति आने के बाद बहुत विवाद हुआ. इस नीति के तहत न सिर्फ दिल्ली में शराब पीने की उम्र घटा दी गई, बल्कि शराब बेचने को लेकर कई अन्य नियम भी लागू किए गए. अक्सर विवादों और सुर्खियों में रहने शराब के कानूनी व्यवसाय को लेकर सामान्य नियम क्या हैं अपने इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे-
कैसे मिलता है लाइसेंस-
शराब का ठेका या वाइन शॉप खोलने के लिए अलग-अलग राज्यों में नियम अलग-अलग हैं. सामान्य नियम के तौर पर देखें तो शराब के व्यवसाय के लिए लाइसेंस लेना जरूरी होता है. इसके लिए संबंधित राज्य के एक्साइज डिपार्टमेंट की वेबसाइट या ऑफलाइन माध्यम के जरिए शराब से जुड़े व्यवसाय के लिए आवेदन किया जाता है. यहां यह जानना जरूरी है कि शराब के ठेका का आवेदन कभी भी अपनी मर्जी से नहीं होता .इसके लिए बकायदा सरकार के द्वारा विज्ञापन निकाला जाता है. उसके बाद ही आप आवेदन कर सकते हैं. शराब के व्यवसाय संबंधी आवेदन में अपनी सामान्य जानकारी के साथ जरूरी कागजात और पेन कार्ड सहित कुछ जानकारियां भरनी होती हैं.
अलग-अलग तरह के मिलते हैं लाइसेंस-
शराब की दुकान के लिए अलग-अलग तरह के लाइसेंस मिलते हैं. जिसमें देशी शराब के लिए लाइसेंस,अंग्रेजी शराब के लिए लाइसेंस और बार खोलने के लिए लाइसेंस शामिल है. इसके लिए सामान्य तौर पर दो तरह के लाइसेंस होते हैं जिनको ऑन लाइसेंस और ऑफ लाइसेंस कहते हैं. ऑन लाइसेंस जहां सामान्य ठेके से संबंधित है वहीं ऑफ लाइसेंस बार,होटल,पब में शराब बेचने के लिए है.
पाबंदियां और नियम-
शराब के व्यवसाय को लेकर जगह और पीने संबंधी कुछ जरूरी पाबंदियां और नियम होते हैं. किसी शिक्षण संस्थान से एक निश्चित दूरी तक शराब का ठेका खोलने पर पाबंदी होती है. इसके अलावा शांति बनाए रखने के लिए अन्य कई नियम भी होते हैं.
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