Mahmud Begda: इतिहास में बहुत से ऐसे शासक हुए हैं जिनके बारे में बहुत दिलचस्प किस्से-कहानियां हैं. किसी की युद्ध में वीरता की,तो किसी की कायरता की कहानी है. कई शासक तो ऐसे हुए हैं जिनके अजीबो-गरीब किस्से सुनकर हैरानी होती है. ऐसा ही एक शासक था 'महमूद बेगड़ा'. जिसके बारे अपने खाने-पीने के शौक और रहन-सहन को लेकर चर्चित है. अपने इस आर्टिकल में हम आपको महमूद बेगड़ा के बारे में दिलचस्प बातें बताएंगे-
कौन था महमूद बेगड़ा-
महमूद शाह प्रथम को ही 'महमूद बेगड़ा' के नाम से जाना जाता है. उसका पूरा नाम 'अबुल फत नासिर-उद-दीन महमूद शाह' प्रथम था. महमूद बेगड़ा गुजरात का छठा सुल्तान था. बहुत ही कम उम्र में वह गद्दी पर बैठा था. उसने 25 मई 1458 से 23 नवंबर 1511 तक गुजरात पर शासन किया. वह गुजरात के सुल्तानों में सबसे प्रमुख सुल्तान था. जब वह गद्दी पर बैठा था तब उसकी उम्र मात्र 13 वर्ष थी, उसने 52 वर्ष तक की उम्र तक शासन किया. उसे बेगड़ा की उपाधि गिरनार और चंपानेर को जीतने के कारण मिली थी. उसने चंपानेर को अपनी राजधानी बनाया था.
बचपन से खाता जहर-
कहा जाता है की उसे बचपन से ही जहर दिया गया था, जिसके कारण अगर उसके शरीर पर कोई मक्खी बैठ जाती तो तुरंत मर जाती थी. कहा जाता है कि उसे बचपन में मारने के लिए किसी ने जहर दिया था. हालांकि उसकी मौत तो नहीं हुई लेकिन उसके बाद से उसने खाने में जहर लेना शुरू कर दिया जिससे किसी भी तरह का जहर उसपर असर ना करे. खाने में जहर लेने के चलते वह खुद भी बहुत जहरीला हो गया था.
अकेले खा जाता था 35 किलो खाना-
महमूद बेगड़ा खाने का बहुत शौकीन था. वह एक समय में बहुत अधिक खाना खाता था. वह लगभग 100 केले एक समय में खा सकता था. वह नाश्ते में शहद और मक्खन कई कटोरी तक खा जाता था. उसके बिस्तर के अगल-बगल में खाने की ढेरों वस्तुयें रख दी जाती थीं, जिससे वह भूख लगने पर खा सके.कहा जाता है कि उसके एक दिन के खाने की खुराक 35 किलो थी.
रखता था भयानक वेशभूषा-
महमूद बेगड़ा के बारे में यह भी कहा जाता है की उसकी दाढ़ी और मूछें बहुत लंबी थी. अपने खास रहन-सहन की वजह से वह भयानक भी लगता था. कहा जाता है कि उसके तमाम दरबारी भी उसी की तरह की वेशभूषा रखते थे.
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