Difference In Temperature On Earth: हमारी धरती सभी ग्रहों में सबसे सबसे अनोखी है. यहां जीवन है,रंगों से भरी जिंदगी है. हमारे ग्रह की सबसे बड़ी खासियत है विविधता. कहीं बर्फ की चादर से ढके ऊंचे-ऊंचे पर्वत-पहाड़ हैं, तो कहीं समतल मैदान, कहीं नदियां हैं तो कहीं रेगिस्तान,कहीं ठंडा शीतल मौसम है तो कहीं आग उगलते सूरज की गर्मी. आपके मन में कभी ना कभी तो ये खयाल आया ही होगा कि आखिर अलग-अलग जगह पर अलग मौसम क्यों हैं. कहीं ठंडा है तो कहीं गर्म,जबकि सूरज तो पूरी धरती के लिए निकलता है. अपने इस आर्टिकल में हम आपको इसी दिलचस्प बात की जानकारी देंगे-


कहां होता है ज्यादातर ठंडा मौसम-


हमारी धरती को जब हम ग्लोब पर देखते हैं तो आपको उसमें क्षैतिज रूप से यानी लेटी हुई (हॉरीजॉन्टल) रेखाएं दिखाई देंगी. मौसम के निर्धारण के हिसाब से इन रेखाओं का बहुत महत्व है. इन्हीं में से एक क्षैतिज रेखा धरती को बीचों-बीच से काटती है उसे विषुवत रेखा कहते हैं. अब आप विषवत रेखा को ही ध्यान में रखकर इस पूरे मुद्दे को समझेंगे.


सूरज की किरणें पूरे साल विषुवत रेखा पर लंबवत (वर्टीकल) पड़ती है. आपको बता दें कि हमारी धरती का आकार ऐसा है कि हर जगह सूरज की किरणें सीधी नहीं पड़ सकतीं. इसीलिए जहां विषुवत रेखा पर किरणें सीधी पड़ती हैं वहीं इसके दक्षिण और उत्तर में जाने पर यह तिरछी हो जाती हैं.


चूंकि किरणें तिरछी पड़ती हैं यही कारण है कि ऊपर बढ़ने पर कम तापमान मिल पाता है. इसीलिए अधिकतर 30 डिग्री अक्षांश के ऊपर वाले देशों में मौसम ज्यादा ठंडा रहता है और अधिक ऊपर जाने पर हम ध्रुवों पर पहुंचते हैं जहां सालभर बर्फ जमी रहती है.


इसके अलावा रूस का साइबेरिया क्षेत्र,उत्तरी कनाडा का क्षेत्र,यूरोपीय देश इन सभी जगहों पर कम तापमान का यह एक महत्वपूर्ण कारण है.


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