Feeling Of Fear In Humans: हर इंसान को कभी न कभी डर तो लगता ही है. सबके डर के अलग-अलग कारण भी होते हैं. किसी को अंधेरे से डर लगता है तो कोई ऊंचाई से डरता है. सबका डर तरह-तरह की बातों को लेकर है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इंसान को डर लगता ही क्यों है. अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इसी दिलचस्प बात के बारे में जानकारी देंगें-
वैज्ञानिक शोध से जाना डर का कारण-
वैज्ञानिकों ने डर लगने के कारण का पता लगाने के लिए एक शोध किया है. इसके तहत उन्होंने चूहों के दिमाग में मौजूद न्यूरॉन की गतिविधियों को देखा. इसके लिए उन्होंने चूहों पर कई प्रयोग किए.
वैज्ञानिक चूहों को ऐसी चीजों के संपर्क में लाए जिससे उन्हें बहुत ज्यादा डर लगता है जैसे कि तेज आवाज, बर्तन जैसी कोई चीज गिरने की आवाज,पैरों में बिजली के झटके लगाना.वैज्ञानिकों ने पाया कि चूहों को ऐसी चीजों के संपर्क में लाने से उनके दिमाग में कुछ बदलाव हुए हैं. इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि डर के समय दिमाग में खास बदलाव होते हैं.
इस वजह से लगता है डर-
वैज्ञानिकों के अनुसार दिमाग में पाए जाने वाले दो ऐसे सर्किट हैं जिनकी वजह से इंसान डर महसूस करता है. इसके लिए कैल्सीटोनिन जीन-रिलेटेड पेप्टाइड और न्यूरॉन्स में दिमाग के एमिग्डाला का हिस्सा मिलकर लोगों में डर की भावना पैदा करते हैं और लोग डर प्रदर्शित करते हैं.
डर में शरीर से निकलता है हार्मोन-
जब इंसान को डर लगता है तो उसके शरीर में खास हार्मोन और रासायनिक तत्व भी स्रावित होते हैं. जिनमें कोर्टिसोल,एपिनेफ्रीन, नॉरपेनेफ्रिन और कैल्शियम शामिल हैं. ये डर के समय शरीर की तमाम क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं.
खतरनाक भी साबित होता है डर-
कई बार ज्यादा डर लोगों के लिए बहुत खतरनाक भी साबित होता है. इस स्थिति में हार्ट अटैक या अन्य कोई और समस्या हो सकती है जिसकी वजह से व्यक्ति की जान भी जा सकती है.
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