Moon: चन्द्रमा से जुड़े तमाम वैज्ञानिक तथ्यों और रहस्यों को दुनिया के सामने लाया जा चुका है. भारत सहित दुनिया के कई दूसरे देश धरती के इस उपग्रह से जुड़े तमाम रहस्यों को सुलझाने में लगे हुए हैं. आज से लगभग 60 साल पहले इंसान ने चन्द्रमा पर पहला कदम रखा था. लेकिन क्या आपने सोचा है कि इंसान का चांद पर जाने का अनुभव कैसा रहा होगा?


आपको जानकर हैरानी होगी कि चांद पर जाने पर धरती की तुलना में इंसानी वजन में बहुत बड़ा बदलाव होता है. वहां पहुंचने पर एक व्यक्ति का वजन इतना कम हो जाता है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. अपने इस आर्टिकल में हम आपको इसी दिलचस्प तथ्य के बारे में बताएंगे-


चन्द्रमा पर इतना हो जाता है इंसान का वजन-


चन्द्रमा पर पहुंचकर इंसान का वजन घट जाता है. धरती पर उसके वजन की तुलना में  यह 1/6 वां भाग होता है यानी कि अगर किसी का वजन धरती पर 90 किलोग्राम है तो चन्द्रमा पर उसका वजन सिर्फ उसका 6वां हिस्सा यानी 90 किलोग्राम होगा. यह निश्चिति ही आपके मन में जिज्ञासा पैदा कर रहा होगा कि आखिर ऐसा कैसे होता है. लेकिन इसके पीछे एक खास वैज्ञानिक कारण है.


क्यों कम होता है वजन-


असल में चन्द्रमा के गुरूत्वीय त्वरण का मान धरती के मान का 1/6 वां हिस्सा ही होता है. यही कारण है कि चन्द्रमा पर व्यक्ति का वजन धरती पर उसके कुल वजन का 1/6 वां हिस्सा होता है.


क्या है त्वरण और गुरुत्वीय त्वरण-


किसी वस्तु के वेग परिवर्तन की जो दर है उसे ही त्वरण कहते हैं. इसके अलावा वे खगोलीय पिंड जिनका वजन बहुत ज्यादा होता है (जैसे कि हमारी धरती) उनके गुरुत्वाकर्षण से होने वाले त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं. इसे g से प्रदर्शित करते हैं. इसी गुरुत्वीय त्वरण में अंतर की वजह से चंन्द्रमा पर इंसान का वजन कम होता है.


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