पहली बार किस देश ने किया था केमिकल वेपन से हमला, उसमें कितने लोगों की हुई थी मौत
दुनियाभर में आज कई तरह के हथियार मौजूद हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि केमिकल वेपन कितना खतरनाक होता है. आज हम आपको बताएंगे कि सबसे पहले इस हथियार का इस्तेमाल किस देश ने किया था.

दुनिया में जब भी किन्हीं दो देशों के बीच युद्ध होता है, तो अक्सर केमिकल वेपन का जिक्र सामने आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि केमिकल वेपन क्या होता है और सबसे पहले कब किसी देश ने इसका इस्तेमाल किया था. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
केमिकल वेपन
सबसे पहले ये जानते हैं कि केमिकल वेपन क्या होता है. रासायनिक हथियारों को ही केमिकल वेपन कहते है. इन हथियारों को गैस या तरल किसी भी रूप में इस्तेमाल किया जा सकता हैं. इनके फैलने की गति बहुत तेज होती है, इसलिए ये कुछ ही मिनटों में हजारों जानें ले सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक रासायनिक हथियारों का भंडार पृथ्वी पर जिंदगी को कई बार ख़त्म कर सकता है. बता दें कि जब कोई देश केमिकल अटैक करता है, तो जहरीले तरल, ठोस या गैस के पदार्थों को जानबूझकर पर्यावरण में छोड़ा जाता है. जिससे पर्यावरण में गैस होने के कारण जहर बन जाता है. इन केमिकल में विषैली गैस ऑक्सिम, लेविसिट, सल्फर मस्टर्ड, नाइट्रोजन मस्टर्ड, सरीन, विषैली गैस क्लोराइड, हाइड्रोजन,साइनाइड, फॉस्जीन, डाई फॉस्जीन आदि हो सकती हैं.
सबसे पहले किस देश ने किया था इसका इस्तेमाल
अब सवाल ये है कि सबसे पहले किस देश ने केमिकल हथियारों का इस्तेमाल किया था. बता दें कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने रासायनिक हथियारों का सबसे पहले इस्तेमाल किया था. बता दें कि प्रथम विश्वयुद्ध 1914 से शुरू होकर 1981 में खत्म हुआ था. इस युद्ध में नागरिकों और लड़ाकों समेत करोड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इस दौरान रासायनिक हथियार का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हुआ था. एक अनुमान के मुताबिक इस लड़ाई में हुई कुल मौतों में से 85 प्रतिशत रासायनिक हथियार की वजह से हुई थी. उस वक्त सबसे ज्यादा मस्टर्ड गैस का रासायनिक हथियार के रूप इस्तेमाल किया गया था.
जर्मनी ने इन देशों पर किया था केमिकल हथियार का इस्तेमाल
जर्मनी ने रासायनिक हथियार के तौर पर जहरीली मस्टर्ड गैसे का इस्तेमाल खासकर कनाडा, ब्रिटेन और फ्रांस की सेना पर किया था. जिसकी वजह से उनके अनगिनत सैनिक और साथ ही आम नागरिक भी मारे गए थे. बता दें कि मस्टर्ड गैस बहुत ही जहरीली होती है. जानकारी के मुताबिक इस बेहद जहरीले रसायन की चपेट में आने से त्वचा सहित आंख और फेंफड़े सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं.
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