Cold Drink Fact: गर्मियों का आगाज हो चुका है. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी राहत पाने के लिए लोगों का रुख कोल्ड की तरफ भी बढ़ेगा. चिल-चिलाती गर्मी में ठंडी-ठंडी कोल्ड ड्रिंक पीना राहतभरा होता है. शायद आपने भी बहुत बार कोल्ड ड्रिंक्स पी होंगी. कोल्ड ड्रिंक्स या कई अन्य तरह की सॉफ्ट ड्रिंक्स को आमतौर पर प्लास्टिक या फिर कांच की बोतलों में पैक कर बेचा जाता है. कई बार ऐसा होता है कि कांच की बोतल में आने वाली कुछ बोतलें अपने आप भी टूट जाती हैं. सवाल है कि आखिर ऐसा क्या होता है जो बोतलें अपने आप टूट जाती हैं? अगर आपको इस बारे में नहीं पता, तो आज हम आपको बताते हैं कि कब कोल्ड ड्रिंक कांच की बोतल को भी तोड़ देती है.
इस तरह टूटती है कांच की बोतल
कोल्ड ड्रिंक्स को पैक करते समय उन्हें कमरे के तापमान से कम टेंपरेचर पर ठंडा करके पैक किया जाता है. पैक होकर फैक्ट्री से निकलने के बाद से लेकर ग्राहक तक पहुंचने तक कई बार बोतलों को धूप में या किसी दूसरे तरह के गर्म तापमान से भी गुजरना पड़ता है. जिससे बोतलों के अंदर तापमान में बड़ा बदलाव हो जाता है. चूंकि कोल्ड ड्रिंक के लिक्विड में कार्बन डायऑक्साइड गैस मिली होती है. गर्मी के कारण जब बोतल का तापमान बढ़ता है तो ये गैस एक्सपैंड यानी फैलने लगती है और लिक्विड में से बाहर आ जाती है.
आयतन बढ़ने पर टूटती है बोतल
दूसरे शब्दों में कहें तो गैस का आयतन (Volume) बढ़ जाता है. इससे बोतल के अंदर प्रेशर बढ़ने लगता है. बढ़े हुए प्रेशर के कारण गैस बाहर आने के लिए जोर मारती है. जब बोतल के अंदर का प्रेशर कांच की बोतल की दीवारों के प्रेशर से ज्यादा हो जाता है तो यह बोतल को तोड़कर इससे बाहर निकलता है.
इसलिए छोड़ा जाता है एयर गैप
साथ ही एक कारण यह भी है कि जब पानी को 4 डिग्री सेल्सियस से ठंडा किया जाता है तो वो एक्सपैंड करने लगता है. जबकि, कांच की बोतल को ठंडा करने पर वो सिकुड़ने लगती है. जिससे भी बोतल टूट सकती है. ऐसे में बोतल बहुत जल्दी न टूटे इसके लिए इन बोतलों को पूरा नहीं भरा जाता, बल्कि एयर गैप छोड़ दिया जाता है. आपने देखा भी होगा कि कोल्ड ड्रिंक की बोतलें कभी भी ऊपर तक पूरी नहीं भरी होती हैं. उनमें थोड़ा सा एयर गैप इसी नुकसान से बचने के लिए छोड़ा जाता है.
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