अगर आपके पास सोने का कोई आइटम है तो आप उसे ध्यान से रखते होंगे. घर में ज्वैलरी को आलमारी में ताले में बंद करके रखते होंगे या फिर लॉकर में जमा करते होंगे. 10-15 ग्राम सोना खरीदने के लिए भी काफी सेविंग करनी पड़ती है. मगर दुनिया में एक ऐसी जगह है, जहां सोना नालों में बहता है. आप भी सोचकर हैरान रह गए होंगे कि आखिर ये कैसे हो सकता है और नालियों में सोना किस वजह से बहता है. ये कई रिपोर्ट में सामने आ चुका है कि इस देश में सीवरेज में सोना बहता है और करोड़ों रुपये का सोना सालभर में बह जाता है.
ये पढ़ने के बाद आपके मन में अब कई तरह के सवालों आ रहे होंगे कि आखिर ये सोना कहां से आता है, सोना क्यों बहा दिया जाता है, सीवरेज में सोना बहाने का क्या कारण है, क्या वहां सोने की कोई वैल्यू नहीं है. तो जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब और बताते हैं कि आखिर इसकी क्या कहानी है...
कहां की है ये कहानी?
ये कहानी है बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स की. साल 2021 की बात है, जब यह सीवरेज में सोना-चांदी मिलने की बात सामने आई तो वहां भी वैज्ञानिकों ने सीवरेज में सोना ढूंढने की शुरुआत कर दी. उस दौरान काफी खबरें आई थीं कि ब्रसेल्स में सोने-चांदी की माइनिंग हो रह है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट के अनुसार, जितनी भी माइनिंग की गई, उसमें करीब 1.1 मिलियम पाउंड यानी 11 करोड़ से ज्यादा का सोना निकल गया.
ऐसे है स्विट्जरलैंड के सीवेज पाइप और उनके रिसाइकिल स्टेशन से भी 95 पाउंड सोना निकलता है और करीब 6,600 पाउंड चांदी सीवेज पाइपों से बहती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यूएस में सीवर में भी सोना हो सकता है. एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में पाया गया था कि 1 मिलियन लोगों के एक अमेरिकी शहर में हर साल 2.3 मिलियन डॉलर का सोना और चांदी बहता है. वैसे ऐसा और देशों में भी संभव है, लेकिन यहां पानी को क्लीन करने के प्रोसेस में इसका पता लगा लिया गया है.
कहां से आया ये सोना?
दरअसल, सवाल ये है कि आखिर सीवर में इतना सोना कहां से आया. इस सोने के सीवरेज में बहने के पीछे कई वजहें बताई गई हैं. इन वजहों में गहनों में धीमी गति से हो रहे कटाव, दवाओं और कीटाणुनाशकों में यूज हो रहा सोना और डीजल इंजन उत्प्रेरक कन्वर्टर्स से निकल रहा गोल्ड इतने सोने की वजह बना है.
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