Golden Temple Firing Incident: भारत में सिख धर्म का सबसे फेमस मंदिर पंजाब के अमृतसर में हैं. जिसे स्वर्ण मंदिर यानी गोल्डन टेंपल के नाम से जाना जाता है. आज यानी 4 दिसंबर  को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल गोल्डन टेंपल यानी हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा में पहरेदारी का कार्य कर रहे थे.


तभी गोल्डन टेंपल के दरवाजे के बाहर से उन पर एक अज्ञात बदमाश फायरिंग कर देता हैं. हालांकि इसमें सुखबीर सिंह बादल को कोई चोट नहीं आई. आपको बता दें गोल्डन टेंपल में गोलीबारी की यह पहली वारदात नहीं है. इससे पहले जब आखिरी बार गोल्डन टेंपल में इस तरह की कोई घटना हुई थी. तो लाशों के अंबार लग गए थे. चलिए बताते हैं आपको यह पूरी कहानी. 


गोल्डन टेंपल में चली गोलियां


आज यानी 4 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला हुआ. जिस वक्त यह हमला हुआ उस वक्त सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर यानी हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा के बाहर सेवादार के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे. वह उस समय व्हीलचेयर पर बैठे हुए थे.


इतने में ही आरोपी ने उन पर फायरिंग कर दी. गोली सुखबीर सिंह बादल के बगल से जाकर दीवार पर लगी. इस गोलीबारी की घटना में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की जान बाल-बाल बची. स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े लोगों ने गोली चलाने वाले आरोपी को तुरंत ही पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. 


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ऑपरेशन ब्लू स्टार में गईं थीं कई जानें


आज से तकरीबन 39 साल पहले यानी साल 1984 में अमृतसर का गोल्डन टेंपल दहल गया था. सिख धर्म की आस्थाओं से जुड़ा यह महत्वपूर्ण स्थान आतंकवादियों का डेरा बन गया था. उस आतंकवादी के खात्मे के लिए कई लोगों की जानें भी गईं. जिसमें भारत के जवान भी शामिल थे. खालिस्तानी समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाला और उसके साथियों ने अमृतसर के गोल्डन टेंपल पर का अपना कब्जा जमा लिया था. 


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भिंडरावाले से गोल्डन टेंपल को आजाद करवाने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था. ऑपरेशन ब्लू स्टार में भारतीय सेना के जवानों ने भिंडरावाले का खात्मा कर दियाय इस दौरान गोल्डन टेंपल में 80 गोले बरसाए गए. पूरे ऑपरेशन में 83 सैनिक भी शहीद हुए, जबकि 239 घायल हुए, आंकड़ों के मुताबिक कुल 493 लोगों की और मौत हुई थी जिसमें भिंडरावाला भी शामिल था. 


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