ग्लोबल डिजिटलाइजेशन के बाद से भारत में उद्योगों की रफ्तार तेज हुई है. सरकार भी देश में व्यापार की रफ्तार बढ़ाना चाहती है. आर्थिक तंगी के चलते उद्यम में रुकावट ना आए इसके लिए तमाम सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे उद्यमियों को आर्थिक संकट से जूझना न पड़े.
अगर आप भी अपना व्यापार करना चाहते हैं तो जाने ये सरकारी योजनाएं, बहुत कम ब्याज दर में 10000 से लेकर 5 करोड़ रुपए तक मिलेगा लोन सुविधाओं का लाभ.
स्वनिधि योजना: बेहद खराब आर्थिक स्थिति से गुजरने वाले लोग इस योजना के तहत ठेला- रेहड़ी लगाने के लिए कम से कम ₹10000 का बिना गारंटी वाला लोन ले सकते हैं. इस स्कीम का नाम पीएम स्वनिधि योजना है. देश की 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को रकम एक साल में किस्तों में लौटानी होगी. सरकार इसके लिए 7% सब्सिडी और ₹1200 कैशबैक भी देती है.
मुद्रा लोन: युवाओं उद्यमियों पर केंद्रित मुद्रा लोन योजना की शुरुआत देश में अप्रैल 2015 में हुई. इसमें बिना गारंटी युवाओं को बैंकों से लोन दिया जाता है. इसे 3 कैटेगरी में रखा जाता है, शिशु मुद्रा लोन (50,000), किशोर मुद्रा लोन (50,001-5,00,000) और तरुण मुद्रा लोन ( 5,00,001-10,00,000).
स्टैंड अप इंडिया स्कीम: अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को प्रेरित करने के लिए स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत 10 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक के लोन बिना किसी कॉलेटरल के दिए जाते हैं. 7 साल के रीपेमेंट शेड्यूल के हिसाब से लोन दिया जाता है, जिसका मोरेटोरियम पीरियड 18 महीने का हो सकता है. स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत कारोबार को शुरू करने के दौरान पहले 3 वर्ष तक इनकम टैक्स में छूट मिलती है.
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम योजना: एनएसआईसी देश में एमएसएमई उद्यमों के विकास को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। NSIC देश में कार्यालयों और तकनीकी केंद्रों के देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से संचालित होता है। इस योजना के तहत दो तरह के लोन दिए जाते हैं:
- मार्केटिंग सहायता योजना: इस स्कीम के तहत मिलने वाली राशि का उपयोग अपनी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं. इससे व्यवसाय को बाजार तक पहुंच बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है.
- क्रेडिट सहायता योजना: इस योजना में कच्चे माल की खरीद, वित्त, मार्केटिंग आदि के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त मिलती है.
क्रेडिट गारंटी फंड योजना: देश में हजारों स्टार्टअप कंपनियां अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही हैं. स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए सरकार की क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत स्टार्टअप कंपनियों को अधिकतम 5 करोड़ रुपए का लोन बिना किसी गारंटी के मिल जाएगा. इस योजना के लिए, मंजूरी राशि पर 2% प्रति वर्ष की दर से घटाकर 0.37% गारंटी शुल्क का भुगतान कर दिया गया है.
एमएसएमई लोनः माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज अपने कारोबार को बढ़ाने या नया उद्यम शुरू करने के लिए एमएसएमई लोन का लाभ ले सकते हैं. इस स्कीम के तहत, कोई भी नया या मौजूदा उद्यम 1 करोड़ रुपये तक का लोन प्राप्त कर सकता है. आमतौर पर, लोन की प्रक्रिया पूरी होने में लगभग 15 दिन लगते हैं.