मच्छरों को भगाने में सरकारें और नगर निगम नाकाम, इस काम के लिए हर घर से इतना होता है खर्च
मच्छरों से दुनियाभर के लोग परेशान हैं, ऐसे में क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में मच्छरों पर हर घर में कितना खर्च किया जाता है? चलिए जान लेते हैं.
दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें मच्छरों से होती हैं. वहीं बारिश के समय में यही मच्छर कई बीमारियों का कारण भी बन जाते हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत में हर घर में मच्छरों को भगाने के लिए कितना खर्च किया जाता है. आंकड़े आपको चौंका भी सकते हैं.
भारत में 49 प्रतिशत घरों में मच्छरों के भगाने के लिए किया जाता है इतना खर्च
भारत में 49 प्रतिशत घरों में मच्छरों को भगाने के लिए हर साल हर घर में 2,400 रुपये खर्च किए जाते हैं. 37 प्रतिशत घरों में मच्छरों को भगाने के लिए इससे भी ज्यादा पैसे खर्च किए जाते हैं. भारत में नगर पालिका मच्छरों को भगाने में इतनी कामयाब नहीं है जिसके चलते लोगों को अलग से इसका ज्यादा प्रेशर है.
हर महीने हर घर में मच्छरों को भगाने के लिए हो जाते हैं इतने खर्च
कोई नहीं चाहता कि उन्हें मच्छरों से किसी तरह की परेशानी हो. यही वजह है कि लोग मच्छरों से होने वाली बीमारी से बचने के लिए हर महीने 49 प्रतिशत लोग 200 रुपये और 37 प्रतिशत लोग 200 से भी ज्यादा पैसे खर्च करते हैं.
यह भी पढ़ें: ये हैं इतिहास के सबसे अजीबोगरीब अंतिम संस्कार, सुनकर ही खड़े हो जाएंगे रौंगटे
कई जगहों पर नहीं हो रही फॉगिंग
लोकल सर्कल द्वारा 2023 में किए गए सर्वे के अनुसार बारिश के मौसम में कई जगहें ऐसी हैं जहां फॉगिंग भी नहीं की जाती. इसके अलावा सर्वे में ये भी बताया गया है, 44 प्रतिशत एरिया और सिटी ऐसी हैं जहां अगस्त-अक्टूबर के समय मच्छर बहुत ज्यादा होते हैं.
हर घर में मच्छरों पर कैसे होता है मच्छरों पर खर्च?
- मच्छरदानी: 500 से 1500 रुपये
- मच्छर रोधी स्प्रे: 300 से 1000 रुपये
- मच्छर रोधी क्रीम: 200 से 500 रुपये
- फॉगिंग और कीटनाशक: 1000 से 3000 रुपये
मच्छरों से बचाव के उपाय
भारत में लोग मच्छरों से बचने के लिए कई उपाय करते हैं. जैसे बहुत से लोग अपने बिस्तर पर मच्छरदानी लगाते हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, वहीं कई लोग बहुत से लोग अपने बिस्तर पर मच्छरदानी लगाते हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में. ये उत्पाद भी बहुतायत में प्रयोग होते हैं. कई घरों में मच्छरों की रोकथाम के लिए फॉगिंग और कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है.
यह भी पढ़ें: रूस जैसे किन देशों में कम बच्चे पैदा कर रहे हैं लोग, संबंध बनाने के लिए सरकार भी कर रही अपील