Oldest Highway Of India: किसी भी देश के आर्थिक विकास में वहां की परिवहन व्यवस्था मुख्य भूमिका में होती है. एक प्रकार से सड़कें देश की नसें होती हैं, जिनकी मदद से देश के एक कोने को दूसरे कोने से जोड़ा जाता है. यही नहीं, व्यापार सहित अन्य गतिविधियां भी सड़कों के जरिए ही होती हैं. आजकल देश नई-नई अत्याधुनिक सड़कें बन रही हैं. देश में कई नए एक्सप्रेस-वे खुल चुके हैं और कई अभी बन रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं देश का सबसे पुराना हाईवे कौन-सा है?
कौन-सा है भारत का सबसे पुराना हाईवे?
शायद कुछ लोग इसका जवाब पहले से ही जानते होंगे. भारत का सबसे पुराना हाईवे जीटी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) है. बताया जाता है कि इसका निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल के दौरान हुआ था. हालांकि, इसे सोलहवीं शताब्दी में शेरशाह सूरी ने पक्का कराया था. तब इसपर जगह-जगह कोस मीनार (दूरी मापने के लिए), पेड़ और सराय आदि का निर्माण कराया गया.
आज भी दिल्ली के चिड़ियाघर, मथुरा रोड और लाहौर में कोस मीनार मौजूद हैं. एक कोस में 3.22 किलोमीटर की दूरी होती थी. सराय में यात्रियों के रुकने के लिए कमरे, पशुओं को बांधने की जगह और पानी के लिए एक कुआं भी बना होता था. दिल्ली चिड़ियाघर के अंदर अजीमगंज की सराय आज भी है.
विदेश तक जाती है भारत की यह सड़क
यह हाईवे सिर्फ देश में ही नहीं खत्म होता, बल्कि दूसरे देशों तक भी जाता है. बांग्लादेश से शुरू होकर यह बर्धमान, आसनसोल, सासाराम, प्रयागराज, अलीगढ़, दिल्ली, अमृतसर और फिर पाकिस्तान के लाहौर व रावलिपंडी से होते हुए अफगानिस्तान तक जाता है.
कई बार बदला है इसका नाम
इस हाईवे का नाम समय-समय पर बदलता भी रहा है. चूंकि यह सड़क उत्तर भारत में है, इसलिए सबसे पहले इसको उत्तरापथ कहा जाता था. बाद में सड़क-ए-आजम, बादशाही सड़क, The long Road और आखिर में इसका नाम Grand Trunk Road हुआ. भारत में NH-1, NH-2, NH-5 और NH-91 भी इसी हाईवे का हिस्सा हैं.